नई दिल्लीः दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक विशेष बच्चों के शेल्टर होम में पिछले 20 दिनों में 14 बच्चों की मौत हो गई है। एक उप-मंडल अधिकारी की जांच में यह बात सामने आई है। रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में इस साल जनवरी से अब तक 27 मौतें हो चुकी हैं, जिसके बाद भाजपा ने लापरवाही और खराब रहने की स्थिति के आरोप लगाए हैं।

घटना सामने आने के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने एसीएस राजस्व को पूरे मामले की तुरंत मजिस्ट्रेट से जांच शुरू करने और एक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

 आशा किरण शेल्टर में मौतों का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। पिछले साल की तुलना में इस साल मौतों की संख्या अधिक होने पर ध्यान देते हुए, एसडीएम ने कहा कि मौतों का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। एसडीएम की रिपोर्ट ने बच्चों को दिए जा रहे पीने के पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं।

मौत का बेसमेंट के बाद अब AAP सरकार का मौत का शेल्टर होमः भाजपा

भाजपा के प्रवक्त शहजाद पूनावाला ने खबर को अपने एक्स खाते पर साझा करते हुए आम आदमी पर निशाना साधा और दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस्तीफे की मांग की।  भाजपा नेता ने कहा कि मौत का बेसमेंट के बाद आप सरकार का मौत का शेल्टर होम। रिपोर्टों के अनुसार, रोहिणी में दिल्ली सरकार के "मानसिक रूप से विकलांगों के लिए घर" आशा किरण में एक महीने में 14 से अधिक मौतें हुई हैं।

शहजाद ने कहा कि यह आपराधिक लापरवाही और आप की मिलीभगत है, लेकिन वे दूसरों पर आरोप लगाएंगे। भाजपा प्रवक्ता ने पूछा कितने और मरेंगे? माँ और बेटे की डूबने से मौत, बेसमेंट में डूबने से मौत, बिजली के झटके से मौत, आपराधिक लापरवाही से मौत! आतिशी और केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में सांस लेना मुश्किल है। खबरें पढ़ना मुश्किल है...आशा किरण में मानसिक रूप से विकलांग लोगों को रखा जाता है...जानकारी मिली है कि वहां बच्चों को ठीक से खाना नहीं दिया जाता है अगर बच्चे बीमार हो जाते हैं तो उनका इलाज नहीं किया जाता...।

मनोज तिवारी ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ऐसी खबरें हर दिन आती हैं...आम आदमी पार्टी जो कहती है वो कहां करती है?...आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को बहुत दुखद स्थिति में पहुंचा दिया है. दिल्ली को बचाने के लिए ऐसे लोगों को पद से हटाना बहुत जरूरी है।

एनसीडब्ल्यू ने फैक्ट-फाइंडिंग टीम भेजी

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौतों के मामले में दिल्ली सरकार की लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम भेजी है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि शेल्टर होम में लोग पीड़ित हैं और मर रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार कुछ नहीं कर रही है।

वहीं, आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल इस घटना पर कहा कि दिल्ली सरकार आशा किरण आश्रय गृह चलाती है, जहाँ मानसिक रूप से विकलांग महिलाएँ और बच्चे रहते हैं। पिछले 20 दिनों में 13 संदिग्ध मौतें हुई हैं। यह वाकई भयावह और शर्मनाक है।"

मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

दूसरी ओर, दिल्ली की मंत्री अतिशी ने आशा किरण शेल्टर होम घटना पर सख्त आदेश दिए। आतिशी ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू करने, लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय सुझाने के निर्देश दिए हैं।

आतिशी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव से 48 घंटों के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसी घटनाओं के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सरकार द्वार जारी किए गए जांच पत्र में  आतिशी ने कहा कि दिल्ली के रोहिणी में स्थित मानसिक रूप से विकलांगों के लिए सरकारी आवास (आशा किरण) में जनवरी, 2024 से 14 मौतों की घटना के बारे में बताया गया है। कथित तौर पर ये मौतें स्वास्थ्य समस्याओं और कुपोषण के कारण हुईं और यह कैदियों को अपेक्षित सुविधाओं की उपलब्धता की कमी का संकेत देती हैं।

आतिशी ने आगे कहा, राजधानी दिल्ली में ऐसी बुरी खबर सुनना बेहद चौंकाने वाला है और अगर यह सच है तो हम इस तरह की चूक बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए ऐसे सभी घरों की स्थितियों में सुधार करने के लिए पूरी प्रणाली को सुधारने और कठोर कदम उठाने के लिए इसकी गहन जांच की जानी चाहिए।