'अंग्रेजों से भी बदतर' है भाजपाः अरविंद केजरीवाल का तंज

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर तंज कसा है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज की सरकार अंग्रेजों से भी बदतर है।

Arvind Kejriwal jibe at BJP

अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर साधा निशाना Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने भाजपा पर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और भीमराव अंबेडकर की विरासत का अनादर करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही केजरीवाल ने भाजपा को 'अंग्रेजों से भी बदतर' होने का आरोप लगाया। 

आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'एक शाम शहीदों के नाम' में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी ने भगत सिंह और अंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया न कि सत्ता के लिए। 

भगत सिंह और अंबेडकर हैं रोल मॉडल

समाचार एजेंसी पीटीआई ने केजरीवाल के हवाले से लिखा "हमारे रोल मॉडल बाबा साहब अंबेडकर और भगत सिंह हैं। भगत सिंह कहते थे कि अंग्रेजों को हटाना ही काफी नहीं है, समाज का ढांचा बदलना होगा। नहीं तो अंग्रेजों की जगह भूरे रंग के शासक आ जाएंगे।"

केजरीवाल ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह बिल्कुल वैसा ही हुआ है। आज के शासक अंग्रेजों से बदतर हैं। 

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली की सत्ता में आने के बाद सरकारी दफ्तरों से भगत सिंह और अंबेडकर की तस्वीरें हटा दीं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस भी भाजपा के साथ मिली हुई है।

कांग्रेस पर भी साधा निशाना

जब हमने इन दोनों की तस्वीरें लगाईं तो कांग्रेस ने आंदोलन किया कि गांधी जी की फोटो नहीं लगाई। हालांकि, जब भाजपा ने इन दोनों की तस्वीरें हटाईं तों कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केजरीवाल ने कहा "इन दोनों के बीच मिलीभगत है..."

केजरीवाल ने आगे भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए दिल्ली में महिलाओं की बस में फ्री यात्रा पर कथित तौर पर प्रतिबंधित करने की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में बस कंडक्टर महिलाओं को पिंक टिकट देने का विरोध कर रहे हैं, जब तक उन्होनें ऐप ने डाउनलोड किया हो। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, " वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? सुविधाओं को सुधारने की बजाय वे मौजूदा सुविधाओं को वापस ले रहे हैं। अब तक उन्हें महिलाओं को 2,500 रुपये देना शुरू कर देना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।"

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