अरविंद केजरीवाल ने 'पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना' का ऐलान किया, पुजारी और ग्रंथियों को मिलेंगे हर महीने ₹18,000

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह इस योजना की शुरुआत मंगलवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर करेंगे।

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यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब 'महिला सम्मान योजना' को लेकर पहले से विवाद चल रहा है। फोटोः वीडियो ग्रैब एक्स (Arvind Kejriwal)

नई दिल्लीः  आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक नई योजना की घोषणा की, जिसमें मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को ₹18,000 मासिक मानदेय देने का वादा किया गया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब 'महिला सम्मान योजना' को लेकर पहले से विवाद चल रहा है।

क्या है 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना'?

केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आज मैं एक महत्वपूर्ण घोषणा करने जा रहा हूं। इस योजना का नाम 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' है। इसके तहत मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को ₹18,000 प्रति माह का मानदेय दिया जाएगा। यह देश में पहली बार हो रहा है। पुजारी और ग्रंथी ऐसी श्रेणी से आते हैं, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी परंपराओं और संस्कारों को आगे बढ़ाया है। लेकिन उनके परिवारों की ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया।"

केजरीवाल ने यह भी बताया कि वह इस योजना की शुरुआत मंगलवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर करेंगे। उन्होंने कहा, "कल से इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। मैं खुद हनुमान मंदिर जाकर योजना का शुभारंभ करूंगा।"

महिला सम्मान योजना पर विवाद

हाल ही में केजरीवाल ने 'महिला सम्मान योजना' और  ''संजीवनी योजना' की घोषणा की थी। महिला सम्मान योजना के तहत बेरोजगार महिलाओं को ₹2,100 मासिक वजीफा देने की बात कही गई है। वहीं, संजीवनी योजना जिसके तहत दिल्ली के सभी (निजी और सरकारी दोनों) अस्पतालों में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के मुफ्त इलाज किया जाएगा।

आप के नेताओं ने इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन अभियान भी शुरू किया। लेकिन इसके अगले ही दिन दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास (WCD) विभाग ने विज्ञापन जारी कर कहा कि 'महिला सम्मान योजना' का कोई अस्तित्व नहीं है और निवासियों को अपनी निजी जानकारी साझा न करने की सलाह दी।

वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया कि उसके पास 'संजीवनी स्कीम' नामक कोई योजना मौजूद नहीं है। विभाग ने यह भी बताया कि उसने न तो दिल्ली के बुजुर्गों से निजी डेटा एकत्र करने के लिए किसी को अधिकृत किया है और न ही किसी प्रकार का कार्ड प्रदान किया जा रहा है।

आप की स्कीम जाँच के घेरे में

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। शिकायत कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा सीट के उम्मीदवार संदीप दीक्षित की ओर से दर्ज कराई गई थी।

दीक्षित ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''दिल्ली सरकार ने अखबार में विज्ञापन देकर स्पष्ट किया था कि ऐसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है। दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी संभालने वाली आतिशी ही हैं, तो यह माना जा सकता है कि उन्होंने खुद स्वीकार किया कि उनकी पार्टी द्वारा घोषित योजना झूठी है। यह जनता के साथ सरासर धोखा है। इसी मुद्दे को लेकर मैं उपराज्यपाल के पास गया था।''

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कई टीमें गठित की हैं जो कथित तौर पर उन कैंपों की जांच कर रही हैं, जहां महिलाओं से निजी जानकारी ली जा रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि महिला सम्मान योजना के नाम पर निजी जानकारी इकट्ठा करने वालों की पहचान की जा रही है।

अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?

अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने भाजपा के दबाव में जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारी भाजपा के दबाव में काम कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा, उपराज्यपाल और अमित शाह द्वारा इन योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसका जवाब जनता देगी। आप संयोजक ने कहा मुझे जेल भेजेंगे, तो दोबारा जेल जाऊंगा, लेकिन इन दोनों योजनाओं को रुकने नहीं दूंगा।

उधर, भाजपा ने इसे धोखाधड़ी करार दिया और दावा किया कि आप और दिल्ली सरकार के बीच तालमेल की कमी है। भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने कहा, "केजरीवाल की यह योजना महज एक दिखावटी सपना है। न तो इसे दिल्ली सरकार ने मंजूरी दी है और न ही इसके लिए किसी प्रकार का बजट प्रावधान किया गया है।"

वेतन को लेकर इमामों का प्रदर्शन

अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान के बीच दिल्ली की मस्जिदों के इमामों ने वेतन न मिलने के मुद्दे पर सोमवार आप संयोजक के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के चेयरमैन साजिद रशीदी ने कहा, "हमें 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। पिछले 6 महीनों से हम इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और अन्य वरिष्ठ व कनिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। यही कारण है कि आज हम यहां एकत्र हुए हैं।"

साजिद रशीदी ने आगे कहा, "अगर हमें हमारे सवालों के जवाब नहीं दिए गए और वेतन जारी नहीं किया गया, तो हम यहां धरना देंगे और तब तक नहीं हटेंगे, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती।"

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