अब बिजली को लेकर घिरे अरविंद केजरीवाल, दो साल में 41 लाख रुपये का बिल; RTI में खुलासा

दिल्ली सरकार के आधिकारिक आवासों के बिजली के बिल लाखों में हैं। नवंबर 2024 के आरटीआई के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के सात मंत्रियों के बिजली बिल दो सालों में (2022-2024) में 1.15 करोड़ रुपये तक पहुंच गए।

Arvind Kejriwal

Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के चीफ अरविंद केजरीवाल के 'शीशमहल' को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है। अब बीजेपी ने बिजली बिल को लेकर केजरीवाल पर हमला बोला। सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर रहने के दौरान अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक 41.5 लाख रुपये का बिल आया। एक आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आप आम आदमी के लिए बिल्कुल भी नहीं है।

आरटीआई एक्टिविस्ट कन्हैया कुमार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में बताया गया कि अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 के बीच 6 फ्लैग स्टाफ रोड के बंगले में 41.5 लाख रुपए की बिजली खपत हुई। इस बंगले को भाजपा और कांग्रेस की ओर से शीशमहल कहा जाता है। बंगले में सुख-सुविधा पर करोड़ों रुपए खर्च का आरोप है और इसकी जांच चल रही है।

'शीशमहल' का आया 41.5 लाख बिजली बिल

आरटीआई से मिले जवाब के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के बंगले में दो साल में 560335 यूनिट की बिजली खपत की गई, जिसका बिल 41,51,350 रुपए है। इस लिहाज से औसत निकालें तो हर दिन करीब 767 यूनिट बिजली खपत की गई, जिसका मूल्य करीब 5700 रुपए है।

आम आदमी से तीन गुना ज्यादा खपत

आरटीआई कार्यकर्ता कन्हैया कुमार की आरटीआई से पता चला है कि आप सरकार के सात मंत्रियों का अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक, दो साल की अवधि के लिए सामूहिक रूप से 1.15 करोड़ का बिजली बिल आया था। आरटीआई जवाब के अनुसार, फ्लैग स्टाफ रोड बंगले में 560,335 यूनिट के लिए 41,51,350 रुपए का बिजली का बिल आया था। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के मथुरा रोड स्थित आवास पर 26 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2024 तक 126,749.75 यूनिट के लिए 14,95,722 रुपये का बिजली बिल आया।

'शीशमहल' पर उठाए सवाल 

मुख्यमंत्री के आवास का रिनोवेशन बीजेपी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव अभियान में एक बड़ा मुद्दा रहा है, जहां पार्टी ने बंगले के पुनर्निर्माण और अंदरूनी साज-सजावट में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। बीजेपी ने इसे 'शीशमहल' करार दिया, जिसे अब म्यूजियम बनाने की तैयारी चल रही है। बीजेपी अपने कैंपेन में कहती रही है कि अगर सरकार बनेगी तो विधानसभा में CAG की रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके बारे में बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने छिपाए थे।

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