नई दिल्ली: भारतीय सेना अब देश में तैयार 'पिनाका (Pinaka) मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम पर अपना पूरा ध्यान लगा रही है। सेना ने बताया है कि पिनाका के लिए बड़ी संख्या में गोला-बारूद की जरूरत देखते हुए जल्द 10,200 करोड़ रुपये के ऑर्डर को मंजूरी दे दिया जाएगा। साथ ही भारत पिनाका रॉकेट सिस्टम को अन्य देशों को भी निर्यात करने पर जोर लगाए हुए है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि पिनाका को लेकर दो कॉन्ट्रैक्ट इस साल 31 मार्च से पहले पूरे हो जाने हैं। इन दो अनुबंधों में एक 5700 करोड़ रुपये और दूसरी 4,500 करोड़ रुपये की है। इस तरह सेना में जरूरी 10 पिनाका रेजिमेंट की जरूरत भी पूरी हो जाएगी। साथ ही सेना में रूस के तीन स्मर्च (Smerch) ​​और पांच ग्रैड रॉकेट रेजिमेंट भी शामिल होंगे।

'पिनाका दुनिया के सबसे बेहतरीन रॉकेट सिस्टम में से एक'

सेना चार पिनाका रेजिमेंटों को पहले ही शामिल कर चुकी है। इनमें से कुछ लांचरों को चीन के साथ उत्तरी सीमाओं पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी तैनात किया गया है।

वहीं, अन्य छह को अभी सेना में जोड़े जाने की प्रकिया जारी है। एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, 'पिनाका दुनिया की सर्वश्रेष्ठ रॉकेट प्रणालियों में से एक है। इसकी रेजीमेंटों को ऊंचाई पर सफल तरीके से काम करने के लिए बनाया गया है।'

पिनाका के उच्च-विस्फोटक प्री-फ्रैग्मेंटेड एम्यूनिशन की मारक क्षमता 45 किमी है। वहीं, एरियल डिनायल म्यूनिशन को 37 किमी की दूरी तक लॉन्च किया जा सकता है।

पिनाका की रेंज बढ़ाने की कोशिश जारी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका के लिए कई तरह के गोला-बारूद विकसित किए हैं। इनमें 45 किमी तक की विस्तारित रेंज और 75 किमी तक गाइडेड रेंज वाले रॉकेट शामिल हैं। इस रेंज को पहले 120 किमी और फिर 300 किमी तक बढ़ाने की योजना पर भी काम चल रह है।

जनरल द्विवेदी ने कहा, 'जैसे ही पिनाका के साथ हमें लंबी दूरी की रेंज में सफलता मिलती है, हम अन्य वैकल्पिक लंबी दूरी के हथियारों की योजना को छोड़ सकते हैं और उन उस (पिनाका) पर पूरा ध्यान दे सकते हैं।'

रक्षा पीएसयू 'भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड' और निजी क्षेत्र की कंपनियों जैसे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो के साथ अनुबंध के तहत छह नई पिनाका रेजिमेंट में 330 वाहनों के साथ स्वचलित बंदूक और पोजिशनिंग सिस्टम सहित 45 कमांड पोस्ट और 114 लॉन्चर भी शामिल हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ये उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस हैं जो लंबी दूरी तक कई तरह के गोला-बारूद दागने में सक्षम हैं।

पिनाका के निर्यात पर भी फोकस

रिपोर्ट के अनुसार भारत पिनाका प्रणाली के निर्यात पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। साथ ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों जैसे अन्य उत्पादों को भी 'मित्र' देशों को निर्यात करने की योजना पर भी भारत आगे बढ़ा रहा है।

रक्षा उत्पादों के निर्यात क्षेत्र में उदाहरण की बात करें तो आर्मेनिया ने पिनाका और आकाश दोनों प्रणालियों को आयात करने जा रहा है। ऐसे ही कुछ आसियान, अफ्रीकी और यूरोपीय देशों ने भी पिनाका प्रणाली हासिल करने में रुचि दिखाई है।

बहरहाल, सेना की रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी के लिए इस वित्त वर्ष में होने वाला एक और बड़ा सौदा 8500 करोड़ रुपये का होगा। इसमें स्वदेश में तैयार 307 उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम शामिल जिनकी मारक क्षमता 48 किमी है।