‘नए ऑल-आर्म्स ब्रिगेड का गठन शुरू’, कारगिल विजय दिवस पर सेना प्रमुख ने की ‘रुद्र’ ब्रिगेड की घोषणा

लद्दाख के द्रास में करगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में जनरल द्विवेदी ने कहा, "आज की भारतीय सेना न केवल वर्तमान चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपट रही है, बल्कि तेजी से एक परिवर्तनशील, आधुनिक और भविष्योन्मुखी बल के रूप में उभर रही है।

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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ।

द्रास: कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सेना के भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए नई 'ऑल-आर्म्स ब्रिगेड्स' — ‘रुद्र ब्रिगेड’ — के गठन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह निर्णय उन्होंने शुक्रवार (25 जुलाई) को ही मंजूर किया है। साथ ही, उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी कि अब आतंकवाद को पालने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।

लद्दाख के द्रास में करगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में जनरल द्विवेदी ने कहा, "आज की भारतीय सेना न केवल वर्तमान चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपट रही है, बल्कि तेजी से एक परिवर्तनशील, आधुनिक और भविष्योन्मुखी बल के रूप में उभर रही है। इसी दिशा में 'रुद्र' नामक ऑल-आर्म्स ब्रिगेड्स का गठन किया जा रहा है, जिसमें इन्फैंट्री, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, बख्तररबंद इकाइयाँ, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेज और मानवरहित हवाई प्रणालियाँ (यूएएस) शामिल होंगी। इन ब्रिगेड्स को अनुकूलित लॉजिस्टिक्स और युद्ध समर्थन से भी सुसज्जित किया जाएगा।”

इसके अलावा उन्होंने बताया कि ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियन जैसी घातक और फुर्तीली स्पेशल फोर्स यूनिट्स भी तैयार की गई हैं, जो सीमाओं पर दुश्मन पर त्वरित और घातक प्रहार करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, दो इन्फैंट्री ब्रिगेड्स को पहले ही 'रुद्र ब्रिगेड्स' में बदल दिया गया है। यह पारंपरिक ‘आर्म-स्पेसिफिक’ ब्रिगेड्स से अलग हैं क्योंकि इनमें विभिन्न हथियार और क्षमताओं का समेकित समावेश किया गया है।

उन्होंने बताया कि अब हर इन्फैंट्री बटालियन में 'ड्रोन प्लाटून' शामिल किया गया है, जबकि तोपखाने (आर्टिलरी) में ‘दिव्यास्त्र बैटरियां’ और लॉइटर म्यूनिशन बैटरियां के ज़रिए मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया है। वायु रक्षा प्रणाली भी स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों से सशक्त की जा रही है।

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश

सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारतीय सेना अब केवल जवाब नहीं देती, बल्कि "निर्णायक कार्यवाही करती है"। उन्होंने कहा, "पहुलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिन इस बार भारत ने केवल शोक नहीं मनाया, बल्कि ठोस जवाब देने का संकल्प लिया। 6-7 मई की रात, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओजेके में नौ उच्च-मूल्य वाले आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, वह भी बिना किसी निर्दोष नागरिक को क्षति पहुंचाए। यह सिर्फ जवाब नहीं था, यह एक स्पष्ट संदेश था — जो आतंक को पनाह देगा, वह अब बचेगा नहीं।"

जनरल द्विवेदी ने बताया कि 7 से 9 मई तक पाकिस्तान द्वारा की गई सैन्य गतिविधियों का भारत ने सटीक और मापे गए प्रतिकार से जवाब दिया।

उन्होंने आगे कहा, "हमारी वायु रक्षा प्रणाली एक अभेद्य दीवार की तरह खड़ी रही, जिसमें कोई ड्रोन या मिसाइल प्रवेश नहीं कर सका। यह ‘संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण’ का परिणाम है — जिसमें थल सेना, वायुसेना, नौसेना और अन्य सरकारी एजेंसियां पूरी एकजुटता से खड़ी रहीं। भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को नुकसान पहुंचाने की किसी भी साजिश का जवाब हमेशा मिलेगा — और पूरी ताकत से मिलेगा।"

सेना प्रमुख ने कहा कि करगिल विजय दिवस हमारे लिए सिर्फ एक स्मृति नहीं, बल्कि संकल्प है—जब तक अंतिम सांस चलेगी, भारत की संप्रभुता, अखंडता और सम्मान की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे। हम शांतिप्रिय हैं, पर कमजोर नहीं। हम सतर्क, संकल्पित और अडिग हैं।

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