जयपुर: भारत के बड़े मसाला ब्रांड फिर से विवादों में हैं। राजस्थान के खाद्य विभाग ने एमएचडी और एवरेस्ट जैसे मसाला ब्रांड में कीटनाशक होने की पुष्टि की है। इसके अलावा कुछ और लोकप्रिय मसाला ब्रांडों के नमूने भी परीक्षण में फेल हुए हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। राजस्थान सरकार ने साथ ही गुजरात और हरियाणा की सरकारों को भी पत्र लिखा है जहां इनमें से कुछ ब्रांड के प्लांट मौजूद हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया प्रदेश के सभी जिलों में सैंपल लेने के लिए पिछले महीने 8 मई को विशेष अभियान चलाया गया था। अभियान के तहत नामी कंपनियों समेत विभिन्न कंपनियों के कुल 93 नमूने एकत्र किए गए। इसके बाद स्टेट सेंट्रल पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री की रिपोर्ट के अनुसार कुछ नमूनों में पेस्टीसाइड्स और इंसेक्टिसाइट्स (कीटनाशकों) की बहुत अधिक मात्रा पाई गई।
कौन-कौन से हानिकारक तत्व सैंपल में मिले?
खाद्य सुरक्षा और औषधि नियंत्रण आयुक्त इकबाल खान के अनुसार परीक्षण के दौरान एमडीएच, एवरेस्ट, गजानंद (Gajanand), श्याम (Shyam) और सीबा ताजा (Ciba Taaza) के नमूनों में उच्च मात्रा में कीटनाशक पाए गए जो स्वास्थ्य के लिए ‘बहुत हानिकारक’ हैं।
टेस्ट के अनुसार एमडीएच के गरम मसाला में एसिटामिप्रिड (Acetamiprid), थियामेथोक्सम (Thiamethoxam) और इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid) के अंश थे। इसके सब्जी मसाला और चना मसाला में ट्राईसाइक्लजोल (Tricyclazole) और प्रोफेनोफोस (Profenofos) थे। वहीं, एवरेस्ट स्पाइसेस के जीरा मसाला में एजोक्सीस्ट्रोबिन (Azoxystrobin) और थियामेथोक्सम (Thiamethoxam) पाए गए। श्याम मसाला कंपनी के गरम मसाला में भी एसिटामिप्रिड मिला। सीबा ताजा के रायता मसाला में एसिटामिप्रिड और थियामेथोक्सम था। गजानंद मसाले के अचार मसाला में एथियन (Ethion) पाया गया।
टेस्ट के नतीजों के बाद राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने अधिकारियों को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। इसके तहत 8 जून को 12,000 किलोग्राम से अधिक मसाले जब्त किए गए।
एमडीएच मसालों की विनिर्माण इकाई हरियाणा में और एवरेस्ट और गजानंद मसालों की विनिर्माण इकाई गुजरात में स्थित है। इसलिए संबंधित राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। साथ ही मामले में कार्रवाई के लिए एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी पत्र लिखा गया है।
सिंगापुर और हांगकांग वाले विवाद के बाद हुई है कार्रवाई
इससे पहले अप्रैल में सिंगापुर और हांगकांग की ओर से एवरेस्ट और एमडीएच के कई मसालों में नुकसानदायत तत्व स्वीकार्य सीमा से ज्यादा पाए जाने के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था। पिछले साल जून 2023 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी एवरेस्ट गरम मसाला और एवरेस्ट सांभर मसाला उत्पादों को वापस बुलाने को कहा था। अमेरिकी एजेंसी के अनुसार इन प्रोडक्ट के साल्मोनेला (salmonella) युक्त होने के कारण यह कदम उठाया गया था।
इन विवादों के बीच मसाला कंपनियां ये कहती रही हैं कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं। ऐसे में मामले में कैसे आगे बढ़ा जाए, इसे लेकर राजस्थान की ओर से FSSAI से निर्देश मांगे गए हैं। मसाला लॉबी का लगातार कहना है कि वे प्रसंस्करण के दौरान कोई कीटनाशक नहीं मिलाते हैं और ‘यह मिट्टी से ही आ रहा है, जो वे उपज ले रहे हैं।’