लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली में घमासान तेज हो गया है। दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने जिस तरह अरविंद केजरीवाल कैबिनेट और पार्टी दोनों से इस्तीफा दिया है उससे आम आदमी पार्टी सकते में है। पार्टी नेता और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस सब के लिए केंद्र सरकार और बीजेपी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि दलित समाज से आने वाले विधायक और मंत्री राजकुमार आनंद को डराने का काम किया गया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी का प्राथमिक मकसद आम आदमी पार्टी को तोड़ना और दिल्ली और पंजाब की सरकारों को गिराना है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “मुझे लगता है कि राजकुमार आनंद डर गए। उनके मन में डर आ गया कि उनको तिहाड़ ले जाया जाएगा। राजकुमार आनंद विधानसभा चुनाव इसलिए जीते थे, क्योंकि वह आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़े थे। राजकुमार आनंद एक परिवारिक व्यक्ति हैं, उनके परिवार और बच्चे हैं। उन्हें डराया गया कि ईडी पकड़कर ले जाएगी और तिहाड़ में कई साल तक सड़ाया जाएगा। वह डर गए, वह हाल ही में पार्टी के कुछ साथियों से कह चुके थे कि जैसे ही कुछ एक्टिव होता हूं तो फोन आ जाता है।“
सौरभ भारद्वाज ने संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अपने इन नेताओं जैसा बहादुर बनना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर कोई संजय सिंह नहीं होता है। सौरभ भारद्वाज ने अपने विधायकों के लिए कहा कि आपके सामने संजय सिंह का उदाहरण है। संजय सिंह 6 महीने जेल के अंदर रहकर आए हैं, लेकिन अब जब जेल से बाहर आए हैं तो शेर की तरह दहाड़ रहे हैं।
वहीं, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना है कि उन्हें पता चला है कि राजकुमार आनंद को ईडी का एक नोटिस मिला है। उन्हें 12 अप्रैल को ईडी के सामने पेश होने के लिए यह नोटिस दिया गया है। भाजपा ईडी और सीबीआई के इस्तेमाल से पार्टियों को तोड़ रही है। आज आम आदमी पार्टी के एक-एक नेता की परीक्षा भी है।
संजय सिंह ने कहा कि हमें मालूम है कि इस लड़ाई में कुछ लोग पीछे हट जाएंगे तो वहीं कुछ लोग टूटेंगे, कहीं किसी का मनोबल भी कम होगा। इस पूरी कवायद का उद्देश्य आम आदमी पार्टी को तोड़ना है। राजकुमार आनंद के यहां 23 घंटे तक ईडी का छापा पड़ा था और उस समय बीजेपी ने राजकुमार आनंद को भ्रष्ट बताया था। अब संभव है कि जल्दी ही राजकुमार आनंद भाजपा में शामिल हो जाएं और भाजपा के नेता उन्हें माला पहनाते हुए दिखाई दें।
क्या कह रही है बीजेपी?
इस मसले पर बीजेपी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त है और यही वजह है कि आप (AAP) के नेता घुटन महसूस कर रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के नेतृत्व में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप देने का काम किया है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त है। आप किसी माफिया की तरह उगाही करती है और चुनाव में उस पैसे को खर्च करती है।
तरुण चुग ने आगे कहा कि जो लोग परिवर्तन और नई सुबह के नाम पर आए थे, वो लोग आज खुद ही भ्रष्टाचार की जननी बन गए हैं। न्यायालय ने भी अरविंद केजरीवाल को आप मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शराब घोटाले का हिस्सेदार माना है।
दिल्ली सरकार के मंत्री ने क्यों दिया इस्तीफा?
दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल कैबिनेट और आम आदमी पार्टी – दोनों से इस्तीफा दे दिया। इस मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजकुमार आनंद ने कहा कि जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी ने लोगों से वादा किया था, उस वादे को पूरा नहीं किया गया।
दरअसल आम आदमी पार्टी असली मुद्दों से भटक चुकी है और भ्रष्टाचार में लिप्त है। वो नहीं चाहते हैं कि इन भ्रष्टाचारियों के साथ उनका नाम भी जोड़ा जाए। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर से उन्होंने जीवन का मंत्र लिया है। इसी वजह से वो कारोबारी होते हुए भी एनजीओ में आए, एमएलए बने, जनप्रतिनिधि बने और मंत्री बनकर लोगों की सेवा करना चाहते थे।
राजकुमार आनंद ने ये भी कहा कि बाबा साहब की फोटो हर प्रेस कॉन्फ्रेंस, हर सरकारी दफ्तर पर लगती है, लेकिन बाबा साहेब के विचारों पर काम नहीं किया जा रहा। रिजर्वेशन संवैधानिक मजबूरी है, लेकिन सच ये है कि आम आदमी पार्टी के संगठन में इसकी कोई अहमियत नहीं है। आम आदमी पार्टी से 13 राज्यसभा सांसद बनाए गए। उनमें एक भी दलित और पिछड़ा नहीं है। जब रिजर्वेशन की बात आती है तो यह पार्टी चुप्पी साध लेती है।
राजकुमार आनंद ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों विधानसभा में बहुत सारे लोगों की भर्ती की गई, जिनकी दो-दो लाख रुपये सैलरी थी और उसमें दलितों को कोई भी जगह नहीं दी गई। वो एससी/एसटी मंत्री होने की वजह से पार्टी में कुछ काम नहीं कर पा रहे हैं। लिहाजा अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। राजकुमार आनंद के मुताबिक आम आदमी पार्टी में दलित विधायकों और पार्षदों का कोई सम्मान नहीं है। अभी जो बड़े नेता हैं, उनमें कोई भी दलित नहीं है। संगठन में भी उनकी कोई हैसियत नहीं है। किसी दलित को किसी राज्य का प्रभारी नहीं बनाया गया है। इन हालात में दलित वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है। मसला ऊंची जाति के विरोध का नहीं है। बात अधिकारों की है।
राजकुमार आनंद का आम आदमी पार्टी से इस्तीफा बड़ा झटका माना जा रहा है। वह पटेल नगर से विधायक हैं। विधानसभा के चुनाव के दौरान उन्हें 61 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। गौरतलब है कि बीते वर्ष राजकुमार आनंद के घर ईडी की रेड पड़ी थी।