Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य के सीमावर्ती कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में सुरक्षाबलों ने 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया। इन नक्सलियों पर कुल 1.72 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। 21 दिनों तक चले इस ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री भी बरामद की गई है।

सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, नक्सलवाद के खिलाफ यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है। उन्होंने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इसमें व्यापक तेजी आई। सुरक्षा बलों को देशभर में विशेष संयुक्त प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया, जिससे उनकी रणनीतिक व सामरिक क्षमताएं और बेहतर हुईं।

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए लिया गया संकल्प हमारा भी प्रण है, और हम उसके प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस अभियान में अब तक 31 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।

अधिकारी ने आगे कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार और भी नक्सलियों की मृत्यु हुई है, जिनकी तलाश जारी है। बरामद शवों में से 28 की शिनाख्त की जा चुकी है। हथियारों और गोला-बारूद की इतनी बड़ी रिकवरी अब तक किसी भी ऑपरेशन में नहीं हुई थी, यह वास्तव में एक ऐतिहासिक सफलता है।

 

नक्सल प्रभावित अब सिर्फ बचे हैं 6 जिले

जहां 2014 में देश के 35 जिले नक्सली हिंसा से प्रभावित थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। यह बदलाव सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों का परिणाम है।

इस अभूतपूर्व सफलता पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा, "‘नक्सल मुक्त भारत’ के संकल्प की दिशा में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कुर्रगुट्टालू पहाड़ पर नक्सलियों के एक महत्वपूर्ण गढ़ को ध्वस्त करते हुए 31 नक्सलियों को ढेर किया।"

गृहमंत्री ने बताया कि यह पहाड़ कभी पीएलजीए बटालियन-1,डीकेएसजेडसी, टीएसी और सीआरसी जैसी नक्सली संस्थाओं का संयुक्त मुख्यालय था, जहां रणनीति, प्रशिक्षण और हथियार निर्माण का काम होता था। आज उसी पहाड़ पर तिरंगा शान से लहरा रहा है।

21 दिनों में पूरा हुआ यह ऑपरेशन

उन्होंने यह भी बताया कि यह पूरा ऑपरेशन मात्र 21 दिनों में बिना किसी सुरक्षाबल की जानहानि के सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जो हमारे जवानों की साहस, समर्पण और अनुशासन का परिचायक है।

गृहमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अभियान उसी संकल्प का हिस्सा है।”

इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ, एसटीएफ, डीआरजी के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। दुर्गम और जोखिमभरे कर्रेगुट्टा जैसे पहाड़ी इलाकों में यह कार्रवाई सुरक्षा बलों की उत्कृष्ट रणनीति, सजगता और बहादुरी का प्रत्यक्ष प्रमाण है।