लेह: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा है लद्दाख में पांच और नए जिले बनाए जाएंगे। गृह मंत्रालय के इस फैसले का उद्देश्य है लद्दाक के अधिक से अधिक लोगों के बीच सरकारी लाभों को पहुंचाना है।
बता दें कि लद्दाख में पहले से लेह और कारगिल जैसे दो जिले थे। अब इनमें जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग जैसे जिलों को शामिल किया गया है जिससे केंद्र शासित प्रदेश में कुल सात जिले हो जाएंगे।
अमित शाह ने कहा है कि सरकार के इस कदम से पूरे केंद्र शासित प्रदेश के शासन में सुधार होगा और इससे लद्दाख को एक विकसित और समृद्ध क्षेत्र बनने में भी मदद मिलेगी। सरकार के इस फैलस का लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि इससे क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी।
अमित शाह ने क्या कहा
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित और समृद्ध लद्दाख के विजन को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में पांच नए जिले बनाने का निर्णय लिया है। नए जिले, जांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग होंगे। हर कोने में शासन को मजबूत करके वहां के लोगों को मिलने वाला लाभ उनके दरवाजे तक पहुंचाएंगे। मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए प्रचुर अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
In pursuit of PM Shri @narendramodi Ji’s vision to build a developed and prosperous Ladakh, the MHA has decided to create five new districts in the union territory. The new districts, namely Zanskar, Drass, Sham, Nubra and Changthang, will take the benefits meant for the people…
— Amit Shah (@AmitShah) August 26, 2024
पीएम मोदी ने लद्दाख के लोगों को दी बधाई
लद्दाक को लेकर एक ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा,”लद्दाख में पांच नए जिलों का निर्माण बेहतर प्रशासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है। जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग पर अब अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे सेवाएं और अवसर लोगों के और भी करीब आएंगे। वहां के लोगों को बधाई।”
Creation of five new districts in Ladakh is a step towards better governance and prosperity. Zanskar, Drass, Sham, Nubra, and Changthang will now receive more focused attention, bringing services and opportunities even closer to the people. Congratulations to the people there. https://t.co/YDEpGZEiGh
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2024
2019 से पहले लद्दाख जम्मू कश्मीर का हिस्सा था
बता दें कि साल 2019 से पहले लद्दाख जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था। लेकिन 2019 में परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर से अलग होकर लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना। यहां दो जिले हैं, लेह और कारगिल जो अब नए जिलों के बनने के बाद सात हो जाएंगे।
साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया था। इस आर्टिकल के रहने से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था। लेकिन लोकसभा, राज्यसभा में आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर बांटा गया था।
लेह से दिल्ली मार्च से पहले नए जिलों की हुई है घोषणा
लद्दाख में पांच नए जिलों की घोषणा तब हुई है जब लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने अगले महीने लेह से दिल्ली तक मार्च करने का फैसला किया है। एलएबी के इस फैसले के ठीक दो दिन बाद अमित शाह द्वारा इन नए जिलों की घोषणा की गई है।
मार्च के जरिए एलएबी का उद्देश्य है कि केंद्र सरकार पर अपने चार सूत्री एजेंडे के संबंध में लद्दाख के नेतृत्व के साथ रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू कर केंद्र पर दबाव भी डालना है।
क्या है लद्दाख के मुद्दे
पिछले चार सालों से दो समूह एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) लद्दाख के मुद्दों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख रहे हैं। ये लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार, भर्ती प्रक्रिया को जल्दी शुरू करने की वकालत कर रहे हैं।
यही नहीं समूह एक लोक सेवा आयोग और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों के आवंटन की भी मांग कर रहे हैं।
कई बातचीत रही नाकामयाब
इन समूहों के साथ केंद्र सरकार की पिछली कई चर्चाएं नाकामयाब रही हैं। मार्च में भी हुई बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया था। कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर एलएबी ने इस मार्च का फैसला किया है जो शांतिपूर्ण तरीके से लेह से देश की राजधानी दिल्ली तक निकाली जाएगी।
मार्च पर बोलते हुए एलएबी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लाक्रुक ने कहा है कि लोकप्रिय जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित कम से कम 100 स्वयंसेवक एक सितंबर को मार्च शुरू करेंगे। उनका लक्ष्य दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती तक दिल्ली पहुंच जाना है।
लाक्रुक का कहना है कि खेती बारी और पर्यटनों के आने का सही समय होने के कारण स्वयंसेवकों की संख्या में कमी आ सकती है जिससे मार्च के शुरू होने में भी देरी हो सकती है लेकिन यह मार्च आयोजित जरूर की जाएगी।
क्या है लद्दाख?
लद्दाख भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां पर हर साल भारी संख्या में बाइक सवार आते हैं और यहां की ऊंची सड़कों पर मोटरसाइकल चलाने का आंनद लेते हैं।
केवल पर्यटन के लिए ही नहीं बल्कि लद्दाख भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक महत्व रखता है। हाल में क्षेत्र के पूर्वी हिस्से में चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच झड़पे भी हुई थी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ