आंध्र प्रदेश: YSRCP के निर्माणाधीन कार्यालय पर बुलडोजर चला, जगन मोहन रेड्डी का आरोप- बदला ले रहे नायडू

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के निर्माणाधीन कार्यालय को शनिवार गिरा गया। बताया गया कि अवैध निर्माण की वजह से ये कदम उठाया गया है। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी ने टीडीपी पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

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Bulldozer ran on the under construction office of YSRCP in Andhra Pradesh (Photo- Social Media)

आंध्र प्रदेश में YSRCP के निर्माणाधीन कार्यालय पर बुलडोजर चला (फोटो- सोशल मीडिया)

हैदराबाद: आध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के निर्माणाधीन कार्यालय की इमारत गिराए जाने को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। निर्माणाधीन इमारत को शनिवार सुबह नगर निगम की कार्रवाई के तहत गिराया गया। बताया गया है कि अवैध निर्माण की वजह से ये कदम उठाया गया है।

मंगलगिरि-ताडेपल्ली नगर निगम (एमटीएमसी) द्वारा बुलडोजर का उपयोग करके कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि इससे पहले अवैध निर्माण का हवाला देते हुए राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) की ओर से एक नोटिस दिया गया था।

इस बीच चुनाव के बाद सत्ता से बेदखल हो चुकी वाईएसआरसीपी ने कानूनी हस्तक्षेप की मांग करते हुए इमारत को गिरने से रोकने की भी गुजारिश की लेकिन ये जारी रहा। वाईएसआरसीपी ने दावा किया कि हाई कोर्ट ने किसी भी इमारत को गिराने की गतिविधि को रोकने का आदेश दिया था।

हालांकि, सीआरडीए और एमटीएमसी अधिकारियों ने कहा कि वाईएसआरसीपी कार्यालय सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाली भूमि पर बनाया जा रहा था। आरोप ये भी है कि निर्माण आवश्यक मंजूरी के बिना आगे बढ़ाया जा रहा था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बुलडोजर को आंशिक रूप से निर्मित ढांचे को गिरते हुए देखा जा सकता है।

इस बीच पूरी कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए आंध्र के पूर्व सीएम और वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी निंदा करते हुए इसे मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर से राजनीतिक प्रतिशोध बताया। रेड्डी ने कहा कि ये तानाशाही वाली कार्रवाई है।

रेड्डी ने एक्स पर लिखा, 'आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू अपने दमन कांड को एक नए स्तर पर ले गए हैं। ताडेपल्ली में लगभग पूरा हो चुके वाईएसआरसीपी केंद्रीय कार्यालय पर एक तानाशाह ने बुलडोज़र चला दिया। हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी की गई। राज्य में कानून और न्याय पूरी तरह से गायब हो गए हैं।'

रेड्डी ने आगे लिखा, 'चुनाव के बाद हो रही हिंसक घटनाओं के कारण खून बहा रहे चंद्रबाबू ने इस घटना के माध्यम से एक हिंसक संदेश दिया है कि इन पांच वर्षों में शासन कैसा रहेगा। इन धमकियों और हिंसा के इन कृत्यों से वाईएसआरसीपी को न तो झुकना है और न ही पीछे मुड़ना है। हम लोगों की ओर से, लोगों के लिए और लोगों के साथ कड़ा संघर्ष करेंगे।'

टीडीपी ने क्या जवाब दिया है?

जगन मोहन रेड्डी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बीच तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का भी जवाब आया है। टीडीपी नेता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने कहा कि प्रक्रिया कानून के अनुसार की गई है और अवैध निर्माण को गिराने का राजनीतिक प्रतिशोध से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, 'कानून और लागू नियमों के अनुसार किसी भी अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाना चाहिए। आज वाईएसआरसीपी का पार्टी कार्यालय जो संबंधित विभागों से कोई अनुमति प्राप्त किए बिना अवैध रूप से बनाया जा रहा है, उसे नियमों के अनुसार ध्वस्त किया जा रहा है।'

जगन रेड्डी के राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप पर कोमारेड्डी ने कहा, 'इसका किसी भी प्रकार के राजनीतिक प्रतिशोध से कोई लेना-देना नहीं है। सबसे पहले उन्हें जवाब देना चाहिए कि जिस संविधान को उन्होंने अपनाया है, उसमें आवश्यक अनुमतियां हैं या नहीं...टीडीपी और चंद्रबाबू नायडू ने कभी भी राजनीतिक प्रतिशोध का रास्ता नहीं अपनाया है।'

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