एलन मस्क की स्टारलिंक से अंडमान पुलिस 'मेथ' ड्रग्स की बरामदगी को लेकर करेगी पूछताछ

हाल के वर्षों में समुद्री रास्तों से ‘मेथ’ ड्रग्स की तस्करी में बढ़ोतरी हुई है। भारत इस नशीली ड्रग्स के प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा है, जिससे इसके अवैध कारोबार में भी वृद्धि हो रही है।

Andaman Police will interrogate Elon Musk's Starlink regarding recovery of dangerous drugs Meth in indian waterways

प्रतीकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

कोलकाता: अंडमान निकोबार द्वीप के समुद्री जल में पहली बार अरबों रुपए के मेथ ड्रग्स की तस्करी की जानकारी मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी। अंडमान पुलिस ने मंगलवार को बताया कि वे ड्रग तस्करों का पता लगाने के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक से जानकारी मांगेंगे।

अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्ट पोस्ट की खबर के मुताबिक, इन तस्करों ने गहरे समुद्र में नेविगेट करने और पहली बार भारतीय जल में 30 हजार करोड़ रुपए (4.25 बिलियन डॉलर) कीमत की मिथ लाने के लिए स्टारलिंक के सैटेलाइट इंटरनेट डिवाइस का इस्तेमाल किया था।

मेथ (Meth) एक खतरनाक नशीली ड्रग्स है जो मस्तिष्क और शरीर पर गंभीर असर डालती है। इसे उपयोग करने से लोगों को अधिक ऊर्जा और खुशी का अनुभव होता है, लेकिन यह दवा स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होती है।

इसे "क्रिस्टल मेथ" और "आइस" जैसे नामों से भी जाना जाता है। इसका नशा और सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इससे दिल की बीमारी और मानसिक समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

अंडमान पुलिस ने जब्त किया था छह हजार किलोग्राम से अधिक मेथ

खबर में बताया गया है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पुलिस ने पिछले सप्ताह म्यांमार की एक नाव से छह हजार किलोग्राम से अधिक मेथ जब्त किया है। इसका मूल्य लगभग 30 हजार करोड़ रुपए (4.25 बिलियन डॉलर) था। इस दौरान छह म्यांमार नागरिकों को हिरासत में लिया गया।

अंतरराष्ट्रीय समुद्री जल में कवरेज देने वाला स्टारलिंक ने यह डिवाइस भारतीय जल में तस्करी के लिए इस्तेमाल किया। अंडमान पुलिस अब स्टारलिंक से पूछताछ करने की योजना बना रही है, ताकि यह पता चल सके कि डिवाइस को किसने खरीदा और कैसे इसका उपयोग किया गया।

हाल के सालों में समुद्री रास्तों से मेथ की तस्करी में हुआ है इजाफा

खबर में यह भी बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स और अपराध कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में मेथम्फेटामाइन (जिसे मेथ कहा जाता है) की तस्करी रिकॉर्ड 190 टन तक पहुंच गई थी। हाल के वर्षों में समुद्री रास्तों से मेथ की तस्करी बढ़ी है। भारत इस ड्रग के प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की पुलिस ने कहा है कि वे यह जांच रहे हैं कि कहीं इस ड्रग तस्करी में किसी स्थानीय या विदेशी गिरोह का हाथ तो नहीं है। वे कई पहलुओं से इस मामले की जांच कर रहे हैं।

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