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संभलः उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के पास शनिवार अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक प्राचीन शिव मंदिर का पता चला। यह मंदिर 1978 के दंगों के बाद से बंद पड़ा था। बताया जा रहा है कि हिंदू परिवारों द्वारा छोड़े गए इस घर पर दशकों से अवैध कब्जा था। अब प्रशासन ने इस जगह की साफ सफाई और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की है।
जिले में बिजली चोरी और अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत खग्गू सराय इलाके में इस प्राचीन मंदिर का पता चला। नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने अधिकारियों को इस मंदिर की जानकारी दी। इसके बाद एसडीएम वंदना मिश्रा और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मंदिर के दरवाजे खुलवाए।
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जब मंदिर के दरवाजे खोले गए तो देखा कि अंदर धूल जम चुकी है। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने खुद ही हाथों से शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां साफ की। मंदिर खोले जाने का वीडियो भी सामने आया है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Morning aarti being performed at the Hanuman Temple which was discovered in Sambhal during an anti-encroachment drive carried out by district police and administration, yesterday. pic.twitter.com/QUBwGb3sNc
— ANI (@ANI) December 15, 2024
जैसे ही यह खबर फैली वहां भक्त उमड़ पड़े और पूजा-अर्चना शुरू कर दी। विराजमान हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया और इसके बाद उनकी आरती उतारी गई। हजारों की संख्या में भक्त मंदिर में पहुंचे। इस दौरान एएसपी श्री चन्द्र और सीओ संभल पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। भक्तों ने गंगाजल से मंदिर का शुद्धिकरण कर विधिवत पूजा-पाठ शुरू की। मंदिर के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई हैं।
400-500 साल पुराना है मंदिर
जिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र पेन्सिया के अनुसार, मंदिर 400-500 साल पुराना है। पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि मंदिर का दरवाजा खोलने पर अंदर हनुमान जी की प्रतिमा और शिवलिंग भी मिला। मंदिर के पास एक प्राचीन कुआं भी था, जिसे मिट्टी और मलबे से भर दिया गया था। इसे भी साफ किया गया है। मंदिर के चारों ओर तीन तरफ से अतिक्रमण पाया गया है, जिसे हटाने की प्रक्रिया जारी है।
1978 के दंगों के बाद इस क्षेत्र से हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया था। प्रशासन का कहना है कि पहले यहां लगभग 40 हिंदू परिवार रहते थे। हालांकि, अब इस क्षेत्र में हिंदुओं की उपस्थिति बहुत कम है, जिससे मंदिर का उपयोग भी बंद हो गया था।
#WATCH | Uttar Pradesh: Police security deployed outside the temple in Sambhal that was reopened on 14th December. The temple premises was cleaned and arrangements for electricity were made. CCTV cameras have also been installed here.
Patron of Nagar Hindu Sabha, Vishnu Sharan… pic.twitter.com/adpdOZT8wX
— ANI (@ANI) December 15, 2024
नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे। हमारा एक घर पास में (खग्गू सराय इलाके में) है। 1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है। हमने यह इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए। इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता।
उन्होंने बताया कि 15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए। हमने मंदिर को बंद कर दिया था, क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह सकते थे। पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की। अब, सालों बाद शनिवार को मंदिर को खोल दिया गया है। विष्णु सरन ने बताया कि पहले इस मंदिर में भजन-कीर्तन हुआ करते थे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह क्षेत्र हमेशा शांतिपूर्ण रहा है। एक निवासी ने बताया, "हमने हमेशा हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखा है। मंदिर की स्थिति इस बात का प्रमाण है कि इसे कभी क्षति नहीं पहुंचाई गई।"
मंदिर की कार्बन डेटिंग करने के निर्देश
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मंदिर की प्राचीनता निर्धारित करने के लिए कार्बन डेटिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन अब यह पता लगाएगा कि मंदिर परिसर में कितना अतिक्रमण हुआ और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए। मंदिर की पुनः खोज के बाद सोशल मीडिया पर गलत दावे भी सामने आए कि मंदिर को मस्जिद में बदल दिया गया था। प्रशासन ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है।