जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने पंजाब हाई कोर्ट में दायर की याचिका, सदन में भाग लेने की मांगी अनुमति

खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृत पाल सिंह ने पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। संविधान का अनुच्छेद 101 (4) कहता है कि बगैर संसद की अनुमति के बगैर 60 दिनों की अनुपस्थिति होने पर सदन सीट खाली कर सकता है।

AMRITPAL SINGH, MP Khadur Sahib

AMRITPAL SINGH Photograph: (आईएएनएस)

चंडीगढ़ः खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से सांसद अमृत पाल सिंह ने मौजूदा संसद सत्र में अपनी उपस्थिति के लिए पंजाब उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की। इस याचिका में कहा गया कि लंबे समय तक सदन में अनुपस्थिति की वजह से उनकी सीट खाली हो सकती है। अमृत पाल सिंह जेल में बंद हैं, इस वजह से वह सदन में उपस्थिति नहीं दर्ज कर पा रहे हैं। 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद - 101 (4) के तहत यदि कोई सदस्य संसद के किसी भी सदन बगैर संसद की अनुमित के 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहता है तो सदन वह सीट खाली घोषित कर सकता है।

इस नियम में यह भी कहा गया है कि अनुपस्थिति के दिन गिनते समय उस अवधि का ध्यान नहीं रखा जाएगा जब सदन स्थगित होता है या फिर लगातार चार दिनों से अधिक के लिए स्थगित किया जाता है। 

बचे हैं 14 दिन

ऐसे में अमृतपाल सिंह की अनुपस्थिति 46 दिनों की हो चुकी है और उनके पास सिर्फ 14 दिन बचे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अमृतपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई अगले दो दिनों में होने की संभावना है।

गौरतलब है कि अमृत पाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। इससे पहले निर्दलीय सांसद ने 23 जनवरी को भी एक याचिका दायर की थी जिसमें संसद सत्र में उपस्थिति होने की अनुमति के साथ-साथ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में भी शामिल होने की अनुमति मांगी गई थी।

अमृतपाल सिंह ने पिछली याचिका में तर्क दिया था कि लंबे समय से उनकी अनुपस्थिति 19 लाख मतदाताओं को संसद में उनकी आवाज सुनने से रोक रही है। इसके साथ ही अमृतपाल ने दावा किया था कि हिरासत "राजनीति से प्रेरित' थी और बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए की गई थी। 

यूएपीए लगने पर पिता ने की थी आलोचना

अमृत पाल सिंह की हिरासत का आदेश मार्च 2023 में अमृतसर के डिप्टी मजिस्ट्रेट ने जारी किया था और इसे कई बार बढ़ाया गया है। 9 जनवरी को अमृतपाल सिंह के पिता तरसीम सिंह ने कहा उनके बेटे पर लगे यूएपीए लगाए जाने की आलोचना की थी। 

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उनके पिता ने कहा था कि " अब जब एनएसए लगाना समाप्त हो चुका है तो उन्होंने पहले से ही यूएपीए लगा रखा है। अब जब हम राजनीतिक पार्टी शुरू करने की योजना बना रहे हैं तो यह हमें रोकने की साजिश है। "

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