'उन्हें विदेश मंत्री नहीं, पाकिस्तान पर है भरोसा', ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के हंगामे पर भड़के अमित शाह

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर बोल रहे थे। इस दौरान विपक्ष हंगामा करते हुए व्यवधान उत्पन्न कर रहा था। इसपर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह। Photograph: (IANS)

नई दिल्लीः लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर बोल रहे थे। इस दौरान विपक्ष हंगामा करते हुए व्यवधान उत्पन्न कर रहा था। वहीं, विपक्ष के हंगामे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए।  उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री पर नहीं, पाकिस्तान पर भरोसा है। इसलिए वे उधर बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "मुझे इस बात पर आपत्ति है कि भारत देश की शपथ लिए हुए विदेश मंत्री यहां बोल रहे हैं, उन पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है। मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का क्या महत्व है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोपी जाएं। भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं करोगे। यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठने वाले हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं। अब वे सत्य भी नहीं सुन पा रहे हैं। बैठे-बैठे सबको टोका-टाकी करना सबको आता है। ऐसा नहीं है कि हमें नहीं आता है। मगर, जब इतने गंभीर विषय पर चर्चा हो रही हो तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बोलते हुए टोकना क्या ये विपक्ष को शोभा देता है? अध्यक्ष जी, आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे।"

वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है, खासकर जब यह पाकिस्तान से शुरू होता है। 

उन्होंने यह भी साफ किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई। जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई।"

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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