नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य शक्ति और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया। गृह मंत्री ने बीएसएफ और भारतीय सेना के साहस की सराहना करते हुए कहा कि यह समारोह ऐसे समय में हो रहा है, जब ये बल विश्व के सामने साहस और शौर्य का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कितना दृढ़ है। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद उरी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दिया गया, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। आज पाकिस्तान का पर्दाफाश हो गया है कि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है। जब हमने पाकिस्तान में आतंकवादी स्थलों पर हमला किया, तो पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तानी सेना के अधिकारी आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

आतंकी हमलों का जवाब दिया

अमित शाह ने कहा कि पूरी दुनिया में कई जगहों पर आतंकी हमलों का जवाब दिया गया है लेकिन भारत ने जो जवाब दिया है, वह एक तरह से अलग है। जब पहलगाम पर हमला हुआ, उसके बाद हमने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों में हमने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिनमें से 2 उनके मुख्यालय थे। लेकिन ध्यान से समझने वाली बात यह है कि हमने न तो किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नष्ट किया और न ही हमने कभी किसी एयरबेस को निशाना बनाया। हमने सिर्फ और सिर्फ आतंकी कैंपों को नष्ट किया, जिन्होंने हमारी जमीन पर अपराध किए। पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर इस हमले का जवाब है और आज दुनिया भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की प्रशंसा कर रही है। हमारा उद्देश्य स्पष्ट था कि हमने केवल उन आतंकी कैंपों को नष्ट किया, जिन्होंने हमारी धरती पर अपराध किए।

बीएसएफ विश्व के सामने साहस का अद्वितीय उदाहरण

साथ ही उन्होंने कहा कि आज यह अलंकरण समारोह ऐसे समय में हुआ है जब बीएसएफ और सेना पूरे विश्व के सामने साहस का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी और भारतीय सेना की मारक क्षमता के अद्भुत समन्वय का परिणाम है। जब ये तीनों एक साथ आते हैं, तो हमें ऑपरेशन सिंदूर मिलता है।

अमित शाह ने अपने संबोधन में बीएसएफ की ऐतिहासिक भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 1965 के युद्ध के बाद सीमा सुरक्षा की कमियों को देखते हुए एक ऐसे बल की आवश्यकता महसूस हुई, जो शांति काल में भी सीमाओं की 100 प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। इस आवश्यकता ने बीएसएफ के गठन को जन्म दिया। बीएसएफ के संस्थापक निदेशक केएफ रुस्तमजी को याद करते हुए अमित शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को भारत की दो सबसे चुनौतीपूर्ण सीमाओं पाकिस्तान और बांग्लादेश की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया, जिसे बीएसएफ ने बखूबी निभाया है।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)