नई दिल्लीः अमित शाह के मंगलवार को सदन में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर दी गई टिप्पणी को लेकर पूरा विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। आंबेडकर की विरासत पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना फैशन बन गया है।

कांग्रेस और विपक्षी दलों ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर ऐतराज जताया है। बुधवार को संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष ने राजभवन तक विरोध मार्च निकाला और अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ बेशक होगी ही। बाबासाहब संविधान निर्माता हैं, देश को दिशा देने वाले महापुरुष हैं। उनका अपमान, उनके निर्मित सविधान का अपमान देश नहीं सहेगा। गृहमंत्री माफी मांगे।

उनका काम बाबासाहब के संविधान को खत्म करना हैः राहुल गांधी

वहीं समाचार एजेंंसी एएनआई से बात करते हुए राहुल ने कहा कि वे पहले ही कह रहे थे कि संविधान को बदलेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि "यह संविधान के खिलाफ हैं। उनका पूरा का पूरा काम भीम राव आंबेडकर ने जो किया और जो संविधान है उसे खत्म करने का है। पूरा देश जानता है।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि शाह ने आंबेडकर का अपमान किया और संविधान के निर्माता के खिलाफ बयान दिया। उन्होंने कहा, "आमित शाह ने कहा कि अगर आप आंबेडकर का नाम सौ बार लेते, तो भगवान का नाम लिया होता तो सात बार स्वर्ग पहुंच जाते। यह आंबेडकर का अपमान है और उनका यह बयान संविधान का विरोध करने की मंशा को दर्शाता है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कांग्रेस पर तीखा हमला

विपक्ष के विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखा। प्रधानमंत्री ने लिखा - "अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई वर्षों के कुकर्मों, खासकर डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे भारी भ्रम में हैं। भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंशवादी पार्टी ने आंबेडकर की विरासत मिटाने और एससी/एसटी समुदायों का अपमान करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।"

प्रधानमंत्री ने लिखा, गृहमंत्री अमित शाह जी ने कांग्रेस की उस काली इतिहास को उजागर किया, जिसमें डॉ. अंबेडकर का अपमान और अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों की अनदेखी शामिल है। उनके द्वारा पेश किए गए तथ्यों से कांग्रेस पूरी तरह आहत और हतप्रभ है, और इसी वजह से अब वह नाटकबाजी पर उतर आई है। लेकिन दुख की बात यह है कि उनके लिए सच्चाई लोगों के सामने है और जनता सब जानती है।

कांग्रेस जितनी भी कोशिश कर ले, वह इस सच्चाई को नहीं छिपा सकती कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे बड़े नरसंहार उनके शासनकाल में हुए। कई वर्षों तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों को सशक्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे लिखा- आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के "पापों" की सूची लंबी है, जिनमें शामिल हैं:

  1. डॉ. आंबेडकर को न केवल एक बार, बल्कि दो बार चुनावों में हरवाना।
  2. पंडित नेहरू द्वारा उनके खिलाफ चुनाव प्रचार करना और उनकी हार को अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना।
  3. डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न से वंचित रखना।
  4. संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को उचित स्थान नहीं देना।

अमित शाह ने आंबेडकर पर क्या कहा था?

राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा था, "अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। अंबेडकर कहना एक फैशन बन गया है। अगर उन्होंने इतनी बार भगवान का नाम लिया होता, तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।" अमित शाह ने कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अब चाहे आंबेडकर का नाम सौ बार ज्यादा लो लेकिन साथ में आम्बेडकर के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं।

अमित शाह ने कहा, आंबेडकर देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया। आम्बेडकर ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं। उनको आश्वासन दिया गया। आश्वासन पूरा नहीं होने पर इस्तीफा दे दिया।

आंबेडकर के प्रति सरकार की निष्ठा पर विपक्ष का हमला

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा, "कल यह साफ हो गया कि कौन किसे अपमानित कर रहा है। गृह मंत्री ने आंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने कहा कि आप आंबेडकर का नाम लेकर भगवान का नाम लेते तो अच्छा होता। अगर यह आंबेडकर का अपमान नहीं है तो और क्या है?"

इसी प्रकार कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी शाह के बयान को अपमानजनक बताते हुए कहा कि अगर वे (कांग्रेस) आंबेडकर का नाम जितनी बार लेते, उतनी बार भगवान का नाम लेते तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिलती। मैं हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि किसी की भक्ति को ठेस न पहुंचाएं। आंबेडकर ने देश के दबे-कुचले वर्ग को अधिकार दिए और संविधान के रूप में 'सुरक्षा कवच' प्रदान किया।

कांग्रेस पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का डॉ. आंबेडकर के नाम का उपयोग करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। रिजिजू ने कहा, "आमित शाह ने अपने पूरे भाषण में बाबा साहब आंबेडकर की सराहना की और बताया कि किस प्रकार मोदी सरकार ने आंबेडकर के योगदान को सम्मानित किया है। कांग्रेस को आंबेडकर का नाम लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए।"