मुंबईः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए पर्यटकों के ऊपर हुए आतंकी हमले के बाद फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज ने 2019 के पाकिस्तानी एक्टर्स के भारत में प्रतिबंध को दोहराया है। 

एफडब्ल्यूआईसीई के इस निर्णय पर अभिनेता अमित साध ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा देश पहले आता है। साध अपनी फिल्म 'पुणे हाइवे' के प्रदर्शन के दौरान यह बात कही। इस दौरान साध ने कहा "देश पहले आता है। मैं सरकार में विश्वास करता हूं। जो देश चला रहे हैं और जो निर्णय वो लेते हैं, मैं उन लोगों में विश्वास करता हूं। कई बार जीवन में कुछ भी सही या गलत नहीं होता है। इसलिए मैं सरकार में विश्वास करता हूं। 
मैं उन कार्यों में विश्वास करता हूं जो वे सोचते हैं कि उन्हें हमारे देश के लिए करने चाहिए।" 

पुलवामा हमले के बाद भी किया था बहिष्कार

एफडब्ल्यूआईसीई ने 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद देश में पाकिस्तानी एक्टर्स के बहिष्कार का दबाव बनाया था और अब पहलगाम हमले के बाद फिर से अपने निर्देश लागू किए हैं। 

बीती 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। 

एफडब्ल्यूआईसीई के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने पाकिस्तानी एक्टर्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात करते हुए कहा कि "चूंकि यह मामला देश हित का है, इसलिए देश पहले आता है। हाल में हुए पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले समेत लगातार हमले शर्मनाक हैं। हमने एक बार फिर से एक प्रेस रिलीज जारी की है जिसमें कहा है कि अगर हमारे सदस्यों में से कोई पाकिस्तानी एक्टर्स या टेक्निशियन के साथ काम करते पाया जाता है तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे और उनके साथ काम करना बंद करेंगे। "

इसके साथ ही दुबे ने आगे कहा कि  एफडब्ल्यूआईसीई से जुडे़ अन्य सभी एसोसिएशन्स को भी ये पत्र भेजे गए हैं। दुबे ने आगे कहा कि इस संबंध में उनके द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से भी कहा गया है कि इस संबंध में एक नोटिस जारी करें कि अगर कोई भारतीय पाकिस्तानी एक्टर्स या फिर टेक्निशियन के साथ काम करते पाया गया तो उस पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा।