चंड़ीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और अंबाला से विधायक अनिल विज ने रविवार को मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की बात कही है। अनिल विज ने रविवार को अंबाला में अपने चुनाव कार्यालय में संकल्प पत्र जारी करने के दौरान यह बात कही है।
अनिल विज ने कहा है कि वे “लोगों की मांग” और “वरिष्ठता” के आधार पर सीएम पद का दावा ठोक रहे हैं। भाजपा नेता द्वारा यह टिप्पणी उस समय की गई है जब भाजपा ने पहले ही वर्तमान सीएम नायब सिंह सैनी को राज्य के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उन्हें चुन रखा है।
अनिल विज से यह पूछे जाने पर की पार्टी द्वारा सीएम फेस का पहले ही ऐलान किया गया है, उन्होंने कहा है कि दावेदारी पेश करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। भाजपा नेता ने कहा है कि मैं अपना दावा पेश कर रहा हूं, बाकी इसे लेकर क्या किया जाएगा इस पर पार्टी आलाकमान फैसला लेगा।
हालांकि हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में अंदरूनी कलह देखी जा रही है जो किसी भी पार्टी के लिए एक सामान्य बात है। बता दें कि वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह ने भी कथित तौर पर राज्य में किसी बड़े पद नहीं मिलने पर विरोध किया है।
दावेदारी को लेकर अनिल विज ने क्या कहा है
मामले में भाजपा नेता ने कहा, “मैं हरियाणा का वरिष्ठ विधायक हूं। मैं छह बार विधायक बन चुका हूं और सातवीं बार चुनाव लड़ रहा हूं। मैंने आज तक पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा, लेकिन इस बार मुझ पर पूरे हरियाणा और अंबाला की जनता का मुख्यमंत्री बनने के लिए बहुत दबाव पड़ रहा है।”
अनिल विज ने आगे कहा, “इस लिए इस बार मैं वरिष्ठ नेता होने के दम पर मुख्यमंत्री पद का दावा करूंगा। वो मुझे सीएम बनाते हैं या नहीं ये उनका अधिकार क्षेत्र है। यदि मुझे मुख्यमंत्री बना दिया तो मैं हरियाणा की तकदीर बदल दूंगा, मैं हरियाणा की तस्वीर बदल दूंगा।”
2019 से चल रही है अनिल विज के सीएम बनने की खबर-दावा
बता दें कि अनिल विज हरियाणा के अंबाला से छह बार से विधायक हैं। इस बार वह सातवीं बार चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा वह हरियाणा सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। ज्ञात हो कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 सीटें जीती थीं।
तब भी शुरू में उनके सीएम बनने की खबरें पर्दे के पीछे चलती रहीं। हालांकि, बहुमत से छह सीटें कम रहने के कारण भाजपा को दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन करना पड़ा था और पार्टी ने फिर से मनोहर लाल खट्टर को सीएम बना दिया था।
हरियाणा में साल 2019 और 2024 में किसे मिली थी कितनी सीटें
इसके अलावा 2019 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान 31 सीटें जीती थीं। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि सात निर्दलीय, आईएनएलडी और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की थी।
भाजपा ने साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीतकर राज्य में पहली बार सरकार बनाई थी। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर पांच अक्टूबर को चुनाव होने जा रहा है और इसके नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)