नीट विवाद के बीच यूपीएससी ने परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकने के लिए एआई आधारित निगरानी की बनाई योजना, जानिए कैसे करेगा काम?

यूपीएससी ने हाल ही में एक टेंडर निकाला है। ये आयोग भारत सरकार की संविधान से बनी एक संस्था है। इस टेंडर के जरिए अनुभवी सरकारी कंपनियों से दो तरह की तकनीकी (टेक्नोलॉजी) बनाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

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Noida: Candidates stand in queues to appear for the Union Public Service Commission (UPSC) exam at an examination center, in Noida , Sunday, June 16, 2024.(IANS/Ramesh Sharma)

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपने विभिन्न परीक्षाओं में धोखाधड़ी और प्रतिरूपण को रोकने के लिए चेहरे की पहचान और एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का उपयोग करने की योजना बनाई है। यह निर्णय राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित NEET-UG और UGC-NET जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर मचे हंगामे के बीच लिया गया है।

यूपीएससी ने हाल ही में एक टेंडर निकाला है। ये आयोग भारत सरकार की संविधान से बनी एक संस्था है। इस टेंडर के जरिए अनुभवी सरकारी कंपनियों से दो तरह की तकनीकी (टेक्नोलॉजी) बनाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

दो तरह की तकनीकी बनाने के लिए मांगे गए आवेदन

पहली टेक्नोलॉजी आधार कार्ड या फिंगरप्रिंट लेकर परीक्षा में बैठने वाले की पहचान करेगी। दूसरी टेक्नोलॉजी चेहरे की पहचान और ई-एडमिट कार्ड को स्कैन करेगी। साथ ही ये टेक्नोलॉजी सीसीटीवी कैमरों की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए परीक्षा केंद्रों पर नजर रखेगी।

यूपीएससी हर साल 14 बड़ी परीक्षाएं कराता है

यूपीएससी हर साल 14 बड़ी परीक्षाएं कराता है। इनमें से सबसे प्रसिद्ध परीक्षा सिविल सर्विसेज एग्जाम है। इसके अलावा आयोग केंद्र सरकार के ग्रुप A और ग्रुप B पदों पर भर्ती के लिए कई और परीक्षाएं और इंटरव्यू भी कराता है। ये टेक्नोलॉजी करीब 26 लाख उम्मीदवारों वाली परीक्षाओं में इस्तेमाल की जाएगी। ये परीक्षाएं पूरे देश में करीब 80 केंद्रों पर आयोजित की जाती हैं।

यूपीएससी के टेंडर में क्या लिखा है?

यूपीएससी के टेंडर दस्तावेज में लिखा गया है कि "परीक्षा केंद्रों पर उपस्थिति की निगरानी के लिए एक वास्तविक समय प्रणाली बनाया जाना चाहिए। ये प्रणाली सुरक्षित वेब सर्वर के जरिए काम करेगा। इसमें ये भी होना चाहिए कि हर परीक्षा आवेदन के साथ उसी समय जीपीएस लोकेशन भी दर्ज हो। इससे ये पता चलेगा कि आवेदन निर्धारित समय के दौरान ही किया गया है।"

यूपीएससी चाहता है कि चेहरे की पहचान एक सुरक्षित तरीके से की जाए। इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान दी गई फोटो और परीक्षा वाले दिन ली गई फोटो का मिलान होगा।

24 उम्मीदवारों पर एक कैमरा

 परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए यूपीएससी हर कक्षा में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाना चाहता है। दस्तावेज के मुताबिक, "हर कमरे में कैमरों की संख्या कम से कम उम्मीदवारों की संख्या के अनुपात में 1:24 होनी चाहिए (यानी 24 उम्मीदवारों पर 1 कैमरा)। अगर कमरे में 24 से ज्यादा उम्मीदवार हैं, तो कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यह सुनिश्चित करना है कि कहीं कोई अंधा कोना न रह जाए।"

सीसीटीवी और एआई की मदद से हलचल पर होगी नजर

यही नहीं, सीसीटीवी कैमरों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाली वीडियो प्रणाली भी लगाई जाएगी। ये सिस्टम खास तरह से अलर्ट जारी करेगी, जैसेः

-  अगर परीक्षा के दौरान किसी भी एंट्री या एग्जिट गेट पर कोई हलचल होती है।

-  अगर कक्षा में फर्नीचर ठीक से व्यवस्थित नहीं है।

-  अगर परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे बंद हो जाएं या उन्हें कोई छेड़छाड़ कर दे (जैसे कैमरे को ढक देना या स्क्रीन को काला कर देना)।

-   या फिर परीक्षा शुरू होने से 1 घंटा पहले या परीक्षा खत्म होने के 1 घंटे बाद कक्षाओं में कोई हलचल होती है

-   अगर निरीक्षक (Invigilator) एक तय समय तक कक्षा में घूमता नहीं है या कोई गतिविधि नहीं करता है।

-   अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को इनमें से कोई भी गतिविधि नजर आती है, तो वो अधिकारियों को सचेत कर देगा।

इससे परीक्षा केंद्रों पर नकल या किसी भी तरह के गलत तरीके रोकने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि इस टेंडर के लिए आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 7 जुलाई, दोपहर 1 बजे है। उसी दिन डेढ़ बजे बोलियां खोली जाएंगी।

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