अमेरिका ने मंगलवार को भारत को 27 अगस्त से लागू होने वाले अतिरिक्त टैरिफ के शुरू होने के संबंध में एक नोटिस जारी किया। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया है कि ये शुल्क 'रूसी संघ की सरकार द्वारा अमेरिका को दी गई धमकियों' के जवाब में लगाए गए हैं, और इस नीति के तहत भारत पर नए शुल्क लगाए जा रहे हैं। 

नोटिस में लिखा है, 'इस दस्तावेज में निर्धारित शुल्क भारत के उन उत्पादों पर लागू होंगे जो 27 अगस्त, 2025 को पूर्वी डेलाइट समयानुसार रात 12:01 बजे या उसके बाद उपभोग के लिए प्रवेश हुए हैं या उपभोग के लिए गोदाम से निकाले गए हैं।' 

इसमें आगे कहा गया है, 'अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए इस असामान्य और असाधारण खतरे से निपटने के लिए, कार्यकारी आदेश 14066 ने अन्य बातों के अलावा, कच्चे तेल, पेट्रोलियम, और पेट्रोलियम ईंधन, तेल और उनके उत्पादों सहित रूसी संघ के कुछ उत्पादों के अमेरिका में आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।' 

नोटिस में कहा गया है कि टैरिफ उन सभी वस्तुओं पर लागू होगा जो उपयोग के लिए आती हैं या समय सीमा के बाद गोदामों से बाहर निकाली जाती हैं।

किसानों-पशुपालकों का अहित नहीं होने देंगे: पीएम मोदी

अमेरिका के कदम से ठीक पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि उनके लिए लघु उद्यमियों, किसानों और पशुपालकों के हित सर्वोपरि हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दौरान एक जनसभा में कहा कि मैं अहमदाबाद की इस धरती से अपने लघु उद्यमियों से कहूंगा, दुकानदारों से कहूंगा, किसानों-पशुपालकों से कहूंगा, और मैं हर किसी के लिए बार-बार वादा करता हूं कि मोदी के लिए आपका हित सर्वोपरि है। मेरी सरकार लघु उद्यमियों का, किसानों का, पशुपालकों का कभी भी अहित नहीं होने देगी।

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार अमेरिका के टैरिफ एक्शन को लेकर सवाल उठा चुके हैं। हाल में अमेरिका की ओर से भारत की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'व्यापार समर्थक अमेरिकी प्रशासन का दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगाना विडंबनापूर्ण है।' उन्होंने कहा, 'अगर आपको भारतीय तेल या रिफाइंड उत्पाद पसंद नहीं हैं, तो उन्हें न खरीदें। कोई आपको मजबूर नहीं कर रहा। लेकिन यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है। इसलिए अगर आपको कोई समस्या है, तो खरीदना बंद कर दें।'