अमेरिका ने आतंकी पन्नू की बैंक डिटेल देने से इनकार किया, 'खालिस्तानी झंडा' फहराने से जुड़ा है मामला

दो युवकों ने खालिस्तानी झंडा साल 2020 में पंजाब के मोगा में डिप्टी कमिश्नर ऑफिस बिल्डिंग की छत पर फहराया था।

एडिट
Khalistani terrorist Gurpatwant singh pannun (file photo)

गुरपतवंत सिंह पन्नू (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अमेरिका में पुलिस अधिकारियों ने खालिस्तानी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)' के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू से संबंधित बैंक खातों और फोन नंबरों का विवरण देने से इनकार दिया है। एसएफजे संगठन पर भारत ने बैन लगा रखा है।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। यह मामला 2020 में पंजाब के मोगा में जिला प्रशासन परिसर में खालिस्तान झंडा फहराने से संबंधित है। ऐसा कथित तौर पर पन्नू के इशारे पर किया गया था। पन्नू को भारत सरकार ने आतंकी घोषित कर रखा है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मागी थी डिटेल

सरकारी कार्यालय पर खालिस्तानी झंडा फहराए जाने के मामले की जांच को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा पन्नू से संबंधित बैंक खाता नंबरों और फोन नंबरों का विवरण अमेरिका से मांगा गया था। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने अपने कानून का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। अमेरिका में कथित अपराध के लिए एक साल से भी कम की सजा होती है। अखबार के अनुसार एक सूत्र ने बताया कि इसलिए इस तरह के विवरण की मांग नहीं की जा सकती।

आतंकवाद के आरोप में भारत में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। उसे भारत के गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।

'खालिस्तानी झंडा' फहराने से जुड़ा क्या है मामला?

दरअसल, 14 अगस्त, 2020 को यानी स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दो लोगों ने सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए मोगा में जिला प्रशासन परिसर (डिप्टी कमिश्नर ऑफिस बिल्डिंग) में प्रवेश किया। इसके बाद इन्होंने इमारत छत पर तथाकथित खालिस्तान झंडा फहराया और तिरंगे का अपमान किया।

घटना के समय मोगा के एसएसपी रहे हरमनबीर सिंह गिल ने तब कहा था कि दोनों लोगों की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं और वे 'संभवतः पन्नू की बातों के जाल में वे फंस गए थे।' पन्नू ने असल में तब स्वतंत्रता दिवस से पहले पंजाब और हरियाणा की इमारतों पर भारतीय ध्वज के स्थान पर खालिस्तानी झंडा लगाने वाले को 2,500 डॉलर इनाम देने की घोषणा की थी।

इस घटना को लेकर 5 सितंबर, 2020 को एनआईए द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 121, 124 (ए), 153 ए, 153 बी और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत मामला फिर से दर्ज किया गया था। एनआईए ने इसके बाद पन्नू के बारे में और डिटेल जानकारी के लिए म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (एमएलएटी) के तहत अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू की थी।

गृह मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार एनआईए में मामला दोबारा दर्ज होने के बाद भारतीय अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों से संवाद शुरू किया। इस बीच एनआईए को अपनी जांच के दौरान कुछ बैंक खाता नंबर और फोन नंबर मिले, जो कथित तौर पर पन्नून से संबंधित थे। एजेंसी ने बाद में अमेरिकी अधिकारियों से पन्नू से जुड़े बैंक खाते और फोन नंबर का विवरण देने को कहा था। सूत्र ने पुष्टि की है कि अमेरिकी अधिकारियों ने अपने ताजा जवाब में अपने कानून का हवाला देते हुए पन्नू से जुड़े इन विवरण को देने से इनकार किया है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article