न्यूयॉर्क: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित करने के अमेरिका के कदम का स्वागत किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में एकस पर एक पोस्ट के जरिए अपना बयान जारी किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखा, 'भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग की एक मजबूत पुष्टि। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रतिनिधि TRF को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित करने के लिए सेक्रेटरी रुबियो (मार्क रुबियो) और स्टेट डिपार्टमेंट की सराहना करता हूँ। इसने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी।'
A strong affirmation of India-US counter-terrorism cooperation.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 18, 2025
Appreciate @SecRubio and @StateDept for designating TRF—a Lashkar-e-Tayyiba (LeT) proxy—as a Foreign Terrorist Organization (FTO) and Specially Designated Global Terrorist (SDGT). It claimed responsibility for the…
भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता
गौरतलब है कि अमेरिका ने पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) की सूची में डाला है। इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार (अमेरिकी समयानुसार) को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने इसे अमेरिकी राष्ट्रपति का पीड़ितों के प्रति न्याय करार दिया।
मार्को रुबियो ने बयान में लिखा, 'लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक मुखौटा और प्रॉक्सी, टीआरएफ ने 22 अप्रैल, 2025 को भारत के पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 में मुंबई हमलों के बाद लश्कर का भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था।'
आगे लिखा, 'टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 का हमला भी शामिल है। अमेरिकी सरकार का यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप के पहलगाम हमले के प्रति न्याय का आह्वान है। यह कार्रवाई हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।'
विदेश मंत्रालय के अनुसार, हमले की कड़ी निंदा करने वाले ट्रंप ने टीआरएफ हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था और "इस जघन्य हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया था।"
क्वाड के दौरान भी भारत ने उठाया था मुद्दा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रुबियो के साथ अपनी बैठकों और पिछले महीने वाशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में टीआरएफ हमले का मुद्दा उठाया था।
कांग्रेस पार्टी के नेता शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों और अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें टीआरएफ की भूमिका से अवगत कराया था।
टीआरएफ एक आतंकी संगठन है जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है। यह ऐसे लोगों को भर्ती करता है जो आम से नागरिक लगते हैं, लेकिन गुप्त तरीके से आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं। इन्हें हाइब्रिड आतंकवादी कहा जाता है। भारत सरकार ने 5 जनवरी, 2023 को टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया था।
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)