नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी के दौरे के कुछ ही घंटे के बाद अमेरिका से 119 निर्वासित भारतीयों को लेकर दूसरा विमान शनिवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने वाला है। सामने आई जानकारी के अनुसार इनमें से आधे से ज्यादा पंजाब से हैं। इसके अलावा निर्वासित लोगों को ले आने वाली एक और उड़ान 16 फरवरी को आने की उम्मीद है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या अमेरिका का कोई विमान निर्वासित लोगों को भारत लेकर आ रहा है या भारतीय सरकार ने इन लोगों के लिए उड़ान की व्यवस्था की है।
इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिका में रह रहे 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर सी-17 विमान अमृतसर में उतरा था। अमेरिकी सेना के इस विमान में ज्यादातर यात्री हरियाणा, गुजरात और पंजाब से थे।
जंजीरों में नहीं बंधे होंगे लोग
सूत्रों ने बताया है कि निर्वासित लोगों का दूसरा समूह पहली उड़ान से उलट संभवतः जंजीरों में नहीं बंधा होगा। पहली उड़ान में यात्रियों के साथ हुए बर्ताव को लेकर केंद्र सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
निर्वासित लोगों के साथ कथित 'अमानवीय व्यवहार' के कारण संसद में भी हंगामा मचा था। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने का वादा किया था।
दूसरी उड़ान में पंजाब से 67 लोग
दूसरी उड़ान के शनिवार रात 10 बजे से 11 बजे के बीच अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार विमान में पंजाब से 67, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, यूपी से तीन, महाराष्ट्र और राजस्थान से दो-दो और गोवा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
पहली उड़ान में, अधिकांश निर्वासित लोगों ने अमेरिका में प्रवेश करने के लिए अवैध 'डंकी रूट' अपनाया था। कई लोगों ने अमेरिका के वीजा के लिए एजेंटों को भारी रकम चुकाया था। हालांकि, उनके साथ धोखा हुआ और उन्हें अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश दिलाया गया था। पहली उड़ान के आने के बाद से पंजाब और हरियाणा सरकार ने ऐसे कई एजेंटों को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अवैध आव्रजन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, 'उन्होंने छात्रों और पेशेवरों के लिए वीजा के रास्ते को सुव्यवस्थित करने और अल्पकालिक पर्यटक और व्यावसायिक यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। साथ ही अवैध आव्रजन और मानव तस्करी से आक्रामक तरीके से निपटने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। दोनों पक्षों की ओर से उन तत्वों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताई गई है जो सार्वजनिक और राजनयिक सुरक्षा के साथ-साथ दोनों देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाते हैं।'