अमरनाथ यात्रा की तारीखों का हुआ ऐलान, 3 जुलाई से शुरुआत

तीन जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा रक्षा बंधन के दिन 9 अगस्त को खत्म होगी। इस तरह भक्तों के पास बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 39 दिन होंगे।

Amarnath Yatra

Photograph: (IANS)

जम्मू: इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इसकी घोषणा की है। जम्मू और कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा की हर साल होने वाली वार्षिक यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई, 2025 से शुरू होगी और 39 दिनों तक चलेगी। 

अमरनाथ यात्रा का समापन हर साल की तरह रक्षा बंधन पर होगा। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में श्राइन बोर्ड की बैठक के दौरान लिया गया, जो अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।

9 अगस्त तक चलेगी अमरनाथ यात्रा

तीन जुलाई से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा रक्षा बंधन के दिन 9 अगस्त को खत्म होगी। इस तरह भक्तों के पास बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 39 दिन होंगे।

हर साल अमरनाथ यात्रा आम तौर पर 45 से 60 दिनों तक चलती रही है। पिछले साल भक्तों ने 29 जून से 19 अगस्त तक बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। हालांकि, इस साल यह पवित्र यात्रा केवल 39 दिनों तक चलेगी।

ट्रस्ट और सरकार इस बार भी यात्रा के लिए विशेष इंतजाम में जुट गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, मेडिकल सहायता उनके ठहरने और लंगर (सामुदायिक भोजन) के लिए विशेष सुविधाओं की तैयारी की जा रही है।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

अमरनाथ यात्रा सबसे अहम हिंदू तीर्थयात्राओं में से एक है। इसमें देश भर से हजारों भक्त शामिल होते है। हालांकि, यह यात्रा काफी मुश्किल मानी जाती है।

तीर्थयात्री अमरनाथ गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग का दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई किलोमीटर की कठिन यात्रा करते हैं। बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए तीर्थयात्री जम्मू कश्मीर के लिद्दर घाटी के 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा पहुंचते हैं।

अमरनाथ गुफा का यात्रा करने के लिए सबसे पहले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस यात्रा के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले से शुरू हो जाती है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इस बारे में भी जानकारी श्राइन बोर्ड से की ओर से जल्द साझा की जाएगी।

यात्रा में शामिल होने के लिए तीर्थयात्रियों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर तीर्थयात्री एनआरआई या फिर विदेशी हैं तो उन्हें अपना पासपोर्ट या पहचान पत्र और भारतीय तीर्थयात्रियों को अपना आधार कार्ड दिखाना होगा। यही नहीं यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों को रजिस्टर्ड डॉक्टर से मेडिकल प्रमाणपत्र भी दिखाना अनिवार्य होता है।

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