श्रीनगर: हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक अमरनाथ गुफा में शनिवार को ‘प्रथम पूजा’ की गई है। इस पूजा के साथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई है। यह यात्रा 29 जून 2024 से शुरू होने वाली है और 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगी।
62 दिनों तक चलने वाले इस यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में तीर्थयात्री यहां आते हैं। इस प्रतिष्ठित यात्रा में तीर्थयात्री जम्मू कश्मीर के लिद्दर घाटी के 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा का दर्शन करते हैं।
अमरनाथ गुफा में ‘प्रथम पूजा’ के अवसर पर श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक ट्वीट भी किया है।
सिन्हा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा है, ”आज वार्षिक श्री अमरनाथ जी यात्रा के औपचारिक शुभारंभ के अवसर पर प्रथम पूजा की गई। बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद लिया और सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य, प्रगति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।”
आइए इस लेख में हम इस यात्रा से जुड़ी कई और जरूरी बातों को जान लेते हैं।
अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए कैसे होगा रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ गुफा का यात्रा करने के लिए सबसे पहले आपको इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस यात्रा के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल 2024 को ही शुरू हो गया था। रजिस्ट्रेशन करने के लिए तीर्थयात्री नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।
स्टेप 1. रजिस्ट्रेशन करने के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की आधिकारिक वेबसाइट www.jksasb.nic.in पर जाएं।
स्टेप 2. इसके बाद वेबसाइट की दांयी ओर में आपको “ऑनलाइन सर्विसेस” का ऑप्शन मिलेगा, इसे कल्कि करें।
स्टेप 3. फिर आपको “यात्रा परमिट रजिस्ट्रेशन” का बटन मिलेगा, उसे क्लिक करें ।
स्टेप 4. इस बटन को क्लिक करने के बाद आपके सामने एक पेज खुलेगा जिसके नीचे में टिक कर इस पूरे फॉर्म को भरना होगा।
स्टेप 5. फॉर्म भरकर जमा करने के बाद आपके दर्ज मोबाइल में एक ओटीपी आएगा जिसे डालने और रजिस्ट्रेशन फीस देने के बाद आपका फॉर्म भर जाएगा।
स्टेप 6. जब आपका पूरा फॉर्म भर जाए तो आप अपने यात्रा परमिट को डाउनलोड भी कर सकते हैं ताकि आप उसे बाद में इस्तेमाल कर सकें।
अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए कौन सी चीजों की पड़ती है जरूरत
यात्रा में शामिल होने के लिए तीर्थयात्रियों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। अगर तीर्थयात्री एनआरआई या फिर विदेशी हैं तो उन्हें अपना पासपोर्ट या पहचान पत्र और भारतीय तीर्थयात्रियों को अपना आधार कार्ड दिखाना होगा।
यही नहीं यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों को रजिस्टर्ड डॉक्टर से मेडिकल प्रमाणपत्र भी दिखाना अनिवार्य है। तीर्थयात्रियों को एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ और आरएफआईडी कार्ड को भी रखना जरूरी है।
रजिस्ट्रेशन फीस
जो लोग इस यात्रा में शामिल होना चाहते हैं उन्हें एक रजिस्ट्रेशन फीस भी जमा करना होता है। यह फीस फॉर्म भरते समय जमा करना पड़ता है। इस साल एसएएसबी ने यात्रा के जिस्ट्रेशन फीस को इस प्रकार रखा है।
भारतीय तीर्थयात्री: 150 रुपए
एनआरआई तीर्थयात्री: 1550 रुपए
यात्रा की तैयारियां
इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले हर तीर्थयात्रियों को कुछ जरूरी सलाह दिए गए हैं जिन्हें हर तीर्थयात्री को ध्यान में रखने की जरूरत है। जो तीर्थयात्री इस बार यात्रा करने जा रहे हैं वे यात्रा से पहले अधिक ऊंचाई वाले जगहों पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं ताकि यात्रा के दौरान उन्हें ऊंचाई से कोई समस्या न हो।
यही नहीं तीर्थयात्रियों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे यात्रा शुरू करने से कम से कम एक महीने पहले से टहलना शुरू कर दें। केवल टहलना ही नहीं बल्कि उन्हें योगाभ्यास का भी प्रैक्टिस करने का सूझाव दिया गया है। इसके आलावा उन्हें ऑक्सीजन का सेवन भी बढ़ाने की सलाह दी गई है और इससे जुड़े एक्सरसाइज करने की बात कही गई है।
यात्रा में अपने साथ ले जाएं ये चीजें
अमरनाथ यात्रा के दौरान डिहाइड्रेट न हो इसलिए यात्रा से पहले कम से कम हर रोज पांच लीटर पानी पीने की कोशिश करनी चाहिए। ऊंचाई चढ़ते हुए लगातार एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त खाने के सामान का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप एनर्जी बार, मेवे और फल पैक कर सकते हैं।
यात्रा के दौरान चढ़ाई करने के लिए आरामदायक और वाटरप्रूफ जूतों का इस्तेमाल करें। थर्मल और ऊनी जैकेट और रेनकोट को भी अपने साथ ले जाएं। यात्रा करने से पहले आप इस बात को सुनिश्चित करें कि आप मेडिकल रूप से फिट हैं। यात्रा में आवश्यक दवाएं और एक बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा किट पैक जरूर रखें।
लाइव आरती और कुछ अन्य जरूरी जानकारी
अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद पवित्र गुफा से रोजाना सुबह और शाम की लाइव आरती भी शुरू होगी। जो तीर्थयात्री यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग कराना चाहते हैं वे इस सुविधा का अब लाभ ले सकते हैं क्योंकि हेलीकॉप्टर बुकिंग शुरू हो चुकी है। इसके लिए आप इस लिंक पर https://jksasb.nic.in/onlineservices/ क्ल्कि करें।
इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की उम्र सीमा 13 से 70 साल तक रखी गई है। यही नहीं छह हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों की गर्भवती महिलाओं को इसमें शामिल होने की इजाजत नहीं है। यात्रा में शामिल होने वाले सभी तीर्थयात्रियों को अंग्रेजी और हिंदी में अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (सीएचसी) को अपने साथ लाना जरूरी है।
क्या करें तीर्थयात्री
जो लोग इस यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं उन्हें यात्रा शुरू करने से पहले जम्मू या कश्मीर में निर्दिष्ट स्थानों से अपना आरएफआईडी कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य है। इस कार्ड को लेने के लिए आपको अपना आधार कार्ड को दिखाना होगा।
तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए उन्हें हमेशा अपना आरएफआईडी टैग को अपने गले में पहने रहने की सलाह दी जाती है। यही नहीं तीर्थयात्रियों को अपने कपड़ें और खाने-पीने की चीजों को भीगने से बचाने के लिए वाटरप्रूफ बैग भी रखने का सूझाव दिया गया है।
इन चीजों को हमेशा रखें अपने साथ
किसी आपातकालीन घटना के घट जाने पर दर्शन के लिए जाने वाले अन्य यात्री का नाम, पता, मोबाइल नंबर भी साथ में रखने की सलाह दी गई है ताकि एमरजेंसी में उससे संपर्क किया जा सके। यही नहीं तीर्थयात्रियों को यह भी सूझाव दिया गया है कि वे अपना पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और यात्रा परमिट को हर समय अपने साथ रखें।
क्या नहीं करें तीर्थयात्री
यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों को यह कहा जाता है कि जिन लोगों के पास आरएफआईडी कार्ड नहीं होगा उन्हें इस यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। यही नहीं जिन लोगों को ऊंचाई पर चढ़ने के बाद उन्हें परेशानियां होती है तो उन्हें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और ऐसे लोगों को इस यात्रा से दूर रहना चाहिए।
यात्रा में शामिल होने वालों को कैफीनयुक्त ड्रिंक्स और धूम्रपान से बचना चाहिए। जिन जगहों पर चेतावनी वाली नोटिस लगी हुई है, तीर्थयात्रियों को उन जगहों से बचना चाहिए।
यात्रा में चप्पल नहीं जूतों का करें इस्तेमाल
तीर्थयात्रियों को चप्पलों के बजाय केवल लेस वाले ट्रैकिंग जूते ही पहनने की सलाह दी जाती है। यात्रा के दौरान किसी भी किस्म के शॉर्टकट से बचने की जरूरत है क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है। यही नहीं यात्रा में प्लास्टिक का प्रयोग करने से बचें क्योंकि इसका इस्तेमाल सख्ती से प्रतिबंधित है और कानून के तहत दंडनीय भी है।
यात्रा को लेकर मनोज सिन्हा ने क्या कहा
एक अन्य बयान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर की प्राचीन परंपरा रही है कि सभी समुदायों के लोग इस यात्रा में भाग लेते हैं, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। मैं सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत और सेवा करने के लिए एक साथ आएं।”
यात्रियों के लिए एसएएसबी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं पर बात करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, ”श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और संबंधित विभागों के अधिकारी तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यात्रा सही से हो इसके लिए हम हरसंभव उपाय कर रहे हैं- सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने आगे कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय कर रहे हैं कि यात्रा सुचारू, सुरक्षित और परेशानी मुक्त हो। हमने श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस साल यात्रा 29 जून से शुरू होगी।”
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ