AIMIM और कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी ने भी वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

कांग्रेस और एआईएमआईएम के बाद अब आम आदमी पार्टी ने भी वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अमानतुल्लाह खान द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि विधेयक मुस्लिमों की स्वायत्ता पर प्रहार करता है।

amantullah khan filed petition against waqf ammedment bill in supreme court after comgress and aimim

अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बिल के विरोध में दायर की याचिका Photograph: (एक्स)

नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी ने भी वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह एक्ट बन जाएगा। हालांकि इस बिल पर विवाद जारी है। आम आदमी पार्टी के ओखला विधानसभा सीट से विधायक अमानतुल्लाह खान ने बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। 

सरकार की तरफ से लाया गया यह संशोधन विधेयक वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाले कानून- 1995 को संशोधित करता है। इसके साथ ही 2013 के विवादित प्रावधानों को निरस्त किया गया है। इस संशोधन पर विपक्षी दलों ने भारी विरोध दर्ज कराया है। इन दलों का मानना है कि यह विधेयक भेदभावपूर्ण है और मुसलमानों को निशाना बनाता है।  

अमानतुल्ला खान ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बिल के विरोध में दी गई दलील में विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिमों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्ता पर प्रहार करता है। इसके साथ ही खान ने सरकार के इस विधेयक पर अल्पसंख्यकों के धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों के प्रबंधन के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया।

हालांकि सरकार का पक्ष है कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को लाभ पहुंचाता है और वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन करने में पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। 

वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए खान ने कहा कि समानता का अधिकार, धार्मिक अधिकारों का प्रबंधन और अल्पसंख्यकों के अधिकार समेत नागरिकों के अन्य मौलिक अधिकारों का हनन करता है।

इससे पहले कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं। 

मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है विधेयक

कांग्रेस के किशनगंज से सांसद मोहम्मद जावेद वक्फ संशोधन विधेयक के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का हिस्सा थे। खान ने विधेयक के बारे में कहा कि यह प्रतिबंध लगाकर मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है। 

इस विधेयक को लेकर जो चिंता जाहिर की जा रही है वह वक्फ परिषद और इसके राज्य बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्य के प्रावधान को लेकर है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदू या जैन बोर्ड के मामले में ऐसा नहीं है। ओवैसी ने कहा यह संविधान का घोर उल्लंघन है। 

एनडीटीवी से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि भाजपा संसद में अपने बहुमत का इस्तेमाल सुधार के लिए नहीं बल्कि विनाश करने के लिए कर रही है। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के पास जो भी अधिकार हैं आप उन्हें छीनकर मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं।

इस विधेयक के बारे में बोलते हुए सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह वक्फ बोर्ड को जवाबदेह बनाकर पारदर्शिता लाएगा। विपक्षी दलों की यह आशंका की इससे वक्फ की संपत्ति को छीन लिया जाएगा, प्रसाद ने कहा कि किसी भी मस्जिद या कब्रिस्तान को नहीं छुआ जाएगा। 

लोकसभा में वक्फ विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े तो विपक्ष में 232 वोट पड़े। वहीं, राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 वोट मिले और 95 इसके विरोध में पड़े।  

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