इलाहाबाद: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मानहानि मामले में बड़ा झटका लगा है। बुधवार को कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सेना के खिलाफ बदजुबानी बर्दाश्त नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने सेना पर टिप्पणी की थी, जिससे आहत होकर एक पूर्व कर्नल ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।  कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए यह भी कहा कि सेना पर टिप्पणी अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार

हाईकोर्ट ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है।  कोर्ट ने कहा कि निस्संदेह भारत के संविधान का अनुच्छेद 19 (1) (ए) अभिव्यक्ति और बोलने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।  लेकिन यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंदों के अधीन है और इसमें किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है।  जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया।  राहुल गांधी ने अपनी याचिका में लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा फरवरी 2025 में पारित समन आदेश और मानहानि मामले को चुनौती दी थी।  

यह मामला पूर्व बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर शिकायत से संबंधित है, जो वर्तमान में लखनऊ की एक अदालत में लंबित है।  शिकायत के अनुसार राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।  यह टिप्पणी साल 2022 में 9 दिसंबर को भारत-चीन सेनाओं के बीच हुई झड़प से संबंधित थी। 

क्या है पूरा मामला?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि चीनी सैनिक 'अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं।  गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था।  इसी मुकदमा के खिलाफ राहुल गांधी ने ये याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।