लखनऊः मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से उन्हें पार्टी में वापस लेने की अपील की। गौरतलब है कि बीते दिनों मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इससे पहले मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित किया था। 

आकाश ने इस बारे में सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की श्रृंखला लिखते हुए माफी भी मांगी है। इसके साथ ही आकाश ने लिखा कि वह सिर्फ मायावती को ही अपना राजनीतिक गुरु मानता हूं। वहीं, आकाश ने यह भी शपथ ली कि वे अपने रिश्तेदारों विशेषकर ससुराल वालों को पार्टी की बेहतरी में बाधा नहीं बनने देंगे।

एक्स पर लिखा पोस्ट

एक्स पर एक पोस्ट में आकाश आनंद ने लिखा "मैं उनसे अपील करता हूं कि मेरी सभी गलतियों को माफ कर दें और मुझे पार्टी में काम करने एक और मौका दें, इसके लिए मैं उनका हमेशा आभारी रहूंगा। मैं भविष्य में ऐसी कोई गलती भी नहीं करूंगा जिससे पार्टी के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी।"

इसके साथ ही आनंद ने यह भी कहा कि वह केवल मायावती के निर्देशों का पालन करेंगे और किसी और से सलाह नहीं लेंगे। इसके साथ ही आकाश ने बसपा के वरिष्ठों से सीखने की शपथ ली। 

मायावती अपने भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश को 2017 में पार्टी में लेकर आईं थीं। उन्होंने साल 2019 में आकाश को पार्टी का राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर घोषित किया था। वहीं, 2023 में आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। 

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी

मायावती ने जब हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव का जिम्मा आकाश को सौंपा तो उन्होंने अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के साथ मिलकर पार्टी में बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए। जिसमें उम्मीदवारों का चयन, फंड जुटाना और रणनीति बनाना प्रमुख रूप से शामिल था।

इससे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगने लगा कि उनकी अनदेखी की जा रही है। इन नेताओं में रामजी गौतम समेत अन्य नेता थे। इससे पार्टी में दो गुट उभरने लगे। एक जो मायावती के करीबी थे और दूसरे जो आकाश आनंद के वफादार थे। 

दिल्ली विधानसभा के बाद मायावती के करीबियों ने उन्हें आकाश आनंद और अशोक सिद्धार्थ की पार्टी में भूमिका और पार्टी फंड के बारे में कथित कुप्रबंधन के बारे में जानकारी दी थी। 

इसके बाद मायावती ने पहले फरवरी में अशोक सिद्धार्थ को पार्टी ने निकाला और मार्च में आकाश आनंद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित किया।