मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच एनसीपी प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के एक बयान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। अजित पवार ने दावा किया है कि पांच साल पहले सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और एनसीपी (अविभाजित) के बीच हुई बैठक में भाजपा और एनसीपी के दिग्गज नेताओं के साथ उद्योगपति गौतम अदानी भी शामिल थे। अजित पवार इस बैठक का पहले भी कई बार जिक्र कर चुके हैं लेकिन गौतम अदानी का नाम उन्होंने पहली बार लिया है।
अजित पवार ने गौतम अदानी के नाम का जिक्र द न्यूज मिनट को दिए इंटरव्यू में किया है। श्रीनिवासन जैन के साथ इस विशेष बातचीत में अजित पवार से शरद पवार के साथ बगावत और भाजपा को समर्थने देने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता जैसा कहते हैं, वैसा करते हैं।
अजित पवार ने कहा कि आपको नहीं मालूम, इसको 5 साल हुए। सबको मालूम है कि 5 साल पहले कहां बैठक हुई। सबके साथ हुआ था। उन्होंने कहा कि उस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, गौतम अदानी, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फड़नवीस, अजित पवार और खुद शरद पवार भी मौजूद थे। जब उनसे पूछा गया कि शरद पवार ने भाजपा का साथ क्यों नहीं दिया, तो उन्होंने कहा, पवार साहब के मन में क्या है, यह कोई नहीं बता सकता…न ही आंटी, न ही सुप्रिया (सुले)।
2019 में क्या हुआ था?
गौरतलब है कि 2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में मतभेद हुआ, जिसके कारण गठबंधन टूट गया। इस राजनीतिक संकट के बीच अजित पवार ने भाजपा का समर्थन किया और सुबह-सवेरे डिप्टी सीएम पद की शपथ लेकर सभी को चौंका दिया था, जबकि देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री पद संभाला।
इस अप्रत्याशित शपथग्रहण ने पूरे देश में हलचल मचा दी, और शरद पवार के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ। हालांकि, अजित पवार की यह बगावत केवल 80 घंटे ही टिक पाई, जिसके बाद अधिकतर नेता शरद पवार के साथ लौट गए। कुछ समय बाद, एनसीपी (अविभाजित) और शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का गठन किया।
अजित पवार का बयान बना सियासी मुद्दा
अजित पवार के खुलासे के बाद विपक्ष ने इसे सियासी मुद्दा बना लिया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि एमवीए सरकार को गिराने में अदानी की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र के लोग भाजपा-शिंदे-अजित पवार गठबंधन को वोट देते हैं, तो यह अदानी के पक्ष में जाएगा।
शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पोस्ट किया, “कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री के इस दावे से गंभीर सवाल खड़े होते हैं कि गौतम अडानी ने महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए अहम बैठकों में हिस्सा लिया। क्या वह भाजपा के अधिकृत वार्ताकार हैं? एक व्यवसायी किसी राज्य में सत्ता की संरचना को अपने अनुसार तय करने की कोशिश क्यों कर रहा है?” शिवसेना (यूबीटी) एनसीपी के शरद पवार गुट की सहयोगी है।
संजय राउत का तीखा प्रहार
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी अजित पवार के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सरकार गिराने के पीछे केवल शरद पवार ही नहीं बल्कि अदानी, अमित शाह और अन्य लोगों का भी हाथ है। उन्होंने इस मामले को महाराष्ट्र की अस्मिता से जोड़ते हुए कहा, “यह लड़ाई सिर्फ एक सत्ता संघर्ष नहीं, बल्कि उस महाराष्ट्र के लिए है, जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि कहा जाता है। महाराष्ट्र की राजनीति को गौतम अदानी जैसे उद्योगपतियों के हाथ में सौंपने से रोकने के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा।”
सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
उधर, अजित पवार के दावों को लेकर जब एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी किसी बैठक के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस ने के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अजित पवार द्वारा उल्लेखित किसी भी बैठक की मुझे कोई जानकारी नहीं है।