1965 और 1971 के युद्धों के अनुभवी एयर मार्शल आर एस बेदी का निधन, गणतंत्र दिवस परेड में क्षतिग्रस्त विमान की सुरक्षित वापसी पर मिला था पदक

वायु सेना में बेदी ने रक्षा योजना स्टाफ महानिदेशक के रूप में अंतिम पद संभाला था और इसके बाद नवंबर 1993 में वे रिटायर हो गए थे।

एडिट
Air Marshal RS Bedi veteran of 1965 and 1971 wars passes away had received Vayu Sena Medal for safe return of damaged aircraft in 1970 Republic Day Parade

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी और अनुभवी एयर मार्शल रणजीत सिंह बेदी का 89 साल में दिल्ली में निधन हो गया है। 1965 और 1971 के युद्धों के अनुभवी बेदी बीमार थे और सोमवार को उन्होंने आखिरी सांस ली है।

बेदी के बेटा भी वायुसेना में हैं और वे वर्तमान में भारतीय वायुसेना में एयर वाइस मार्शल के रूप में कार्यरत है। रिटायर होने के बाद बेदी चंडीगढ़ में बस गए थे और इसके बाद वे रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर एक प्रसिद्ध सार्वजनिक व्यक्ति और लेखक के रूप में लोकप्रिय हुए थे।

वायुसेना की पहली एयरोबेटिक्स टीम की स्थापना में निभाई थी अहम भूमिका

एयर मार्शल बेदी नौवें कोर्स में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए थे और अप्रैल 1956 में 68वें पायलट कोर्स में वायु सेना अकादमी से कमीशन प्राप्त किया था। बेदी का फाइटर स्ट्रीम के लिए चयन हुआ था और उन्होंने पहले डी हैविलैंड वैम्पायर उड़ाया और फिर एक स्क्वाड्रन में शामिल हुए थे।

साल 1957 में बेदी नए बनाए गए 27 स्क्वाड्रन में शामिल हुए थे और फिर बाद में हॉकर हंटर विमान उड़ाया था। उन्हें अंबाला में सात स्क्वाड्रन में भी तैनात किया गया था। बेदी को भारतीय वायुसेना की पहली एयरोबेटिक्स टीम की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।

ये पढ़ें: सोम ग्रुप के कारखाने में 13 साल के बच्चों से 11 घंटे तक काराया जाता है शराब की पैकिंग, रिपोर्ट में दावा

भारत पाकिस्तान के 1965 युद्ध के दौरान भी लगाई थी हवाई गश्ती

रणजीत सिंह बेदी ने जामनगर में पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर कोर्स में भी भाग लिया था और वे पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में एक प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया था। भारत पाकिस्तान के 1965 के युद्ध के दौरान उन्होंने 20 स्क्वाड्रन के साथ लड़ाकू हवाई गश्ती दल भी उड़ाए थे।

यही नहीं उन्होंने 45 स्क्वाड्रन में फ्लाइट कमांडर के रूप में काम किया है। उनके योगदान के कारण अन्य पायलटों को मिग-21 प्लेटफॉर्म में बदलने में मदद मिली थी।

ये भी पढ़ें: अदानी मामले में सेबी के नोटिस पर हिंडनबर्ग ने कोटक बैंक को भी घेरा, SEBI पर बड़े बिजनेसमैन को बचाने का लगाया आरोप

गणतंत्र दिवस परेड में उनका विमान हो गया था क्षतिग्रस्त

साल 1970 के गणतंत्र दिवस परेड के दौरान बेदी का मिग-21 दूसरे मिग-21 से आसमान में टकरा गया था। इस हादसे के बाद भी बेदी ने अपने क्षतिग्रस्त विमान को बेस पर वापस लाने में कामयाब रहे थे। उनकी इस उपलब्धी के लिए उन्हें वायु सेना पदक भी मिला था।

सन 1971 के युद्ध के दौरान बेदी को 29 स्क्वाड्रन के साथ सिरसा में तैनात किया गया था। इस दौरान उन्होंने एस्कॉर्ट और लड़ाकू हवाई गश्ती मिशनों में भी उड़ान भरी थी। वे 27 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी बने थे और बाद में कई और प्रमुख पदों पर भी तैनात किए गए थे।

महानिदेशक के अंतिप पद से बेदी हुए थे रिटायर

एयर वाइस मार्शल के रूप में बेदी ने पश्चिमी वायु कमान में वरिष्ठ अधिकारी-प्रभारी (प्रशासन) के रूप में भी काम किया है। वायु सेना में उन्होंने रक्षा योजना स्टाफ महानिदेशक के रूप में अंतिम पद संभाला था और इसके बाद नवंबर 1993 में वे रिटायर हो गए थे।

बेदी का अंतिम संस्कार बुधवार को दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर में किया जाएगा और उनकी अंतिम अरदास चंडीगढ़ में होगी।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article