नई दिल्लीः एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख (वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ) का पदभार ग्रहण कर लिया। एयर मार्शल तिवारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज से प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने खड़कवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से प्रशिक्षण लिया।

 वह जून 1985 में एनडीए से राष्ट्रपति स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण हुए और 7 जून 1986 को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया। उन्हें विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों पर 3,600 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव प्राप्त है। वह एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट हैं।

एयर मार्शल तिवारी अमेरिका के एयर कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से स्नातक हैं और उन्होंने वायुसेना के टेस्ट पायलट स्कूल तथा वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डाइरेक्टिंग स्टाफ के रूप में भी योगदान दिया है।

उन्हें हथियार प्रणालियों और उनके परीक्षण संचालन का गहरा अनुभव है। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने 'लाइटनिंग' लेजर डेजिग्नेशन पॉड को ऑपरेशनल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने 2006 से 2009 और फिर 2018-19 के बीच एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के उड़ान परीक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई। उस दौरान वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) के रूप में तैनात थे और विमान को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

वर्ष 2013 से 2016 तक एयर मार्शल तिवारी फ्रांस के पेरिस में भारतीय वायुसेना के एयर अताशे के रूप में कार्यरत रहे। इसके बाद उन्होंने वायुसेना मुख्यालय में डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ का दायित्व संभाला। उप प्रमुख बनाए जाने से पूर्व वह दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर कार्यरत थे।

उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें अनेक सैन्य सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्हें 2008 में वायु सेना मेडल, 2022 में अति विशिष्ट सेवा मेडल और 2025 में परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया।

समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ