नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध जारी है। इस बीच चीन ने बोइंग कंपनी से लिए जाने वालों विमानों का सौदा रद्द कर दिया था। अब भारतीय विमान कंपनी एयर इंडिया लिमिटेड इन विमानों को खरीदने की योजना बना रही है। इसी के साथ भारतीय कंपनी भी दोनों देशों के बीच जारी व्यापार युद्ध से लाभ उठाने की होड़ में शामिल हो गई है। 

टाटा समूह के स्वामित्व वाली कंपनी को अपने पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए विमानों की तत्काल आवश्यकता है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी बोइंग से कई जेट विमानों को खरीदने के लिए संपर्क करने की योजना बना रही है। इन विमानों को अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी चीन के लिए तैयार कर रही थी लेकिन रेसिप्रोकल टैरिफ के चलते यह सौदा अटक गया। 

भारत खरीद की बना रहा है योजना

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, भारत भविष्य में इसकी खरीद के लिए स्लॉट लेने के लिए उत्सुक है, अगर वे उपलब्ध होते हैं। पूर्व में भी चीन के पीछे हटने से एयर इंडिया को लाभ हुआ है। मार्च तक भारतीय एयरलाइन ने 41 बोइंग 737 मैक्स विमान लिए थे जो मूल रूप से चीनी वाहकों के लिए बनाए गए थे, लेकिन 2019 में मॉडल के ग्राउंडिंग के कारण कभी वितरित नहीं किए गए।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तरफ से यह उत्सुकता तब आई है जब चीनी वाहकों को उनकी सरकार द्वारा अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध के बाद बोइंग से विमान न स्वीकार करने के लिए कहा गया था। 

फिलहाल एयर इंडिया की दिलचस्पी एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिए पहले से बने बोइंग 737 मैक्स विमानों को खरीदने में है। एयर इंडिया एक्सप्रेस इसकी सहायक कंपनी है और इंडिगो का जवाब है जो वर्तमान में भारत की प्रमुख एयरलाइन है। 

हिंदुस्तान टाइम्स ने ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि इस साल जून तक एयर इंडिया को बोइंग 737 मैक्स विमानों में से नौ और विमान मिलने वाले हैं, जिससे कुल विमानों की संख्या 50 हो जाएगी। 

हालांकि, पहले ऐसा लग रहा था कि विमानों की आपूर्ति समाप्त हो जाएगी लेकिन अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को देखते हुए अब ऐसा नहीं होगा। 

क्या कहती है ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से परिचित लोगों ने बताया कि एयर इंडिया ने खुद को बचाए रखने के लिए अप्रैल 2026 तक पहले से प्राप्त जेट विमानों में बिजनेस क्लास की सीटें हटाने और पूरी तरह से इकॉनमी क्लास में बदलने की योजना बनाई है। हालांकि, आपूर्ति श्रृंख्ला के मुद्दों के कारण इसमें बाधा आ रही है। 

वहीं, एयर इंडिया ने बोइंग को जिन 140 नैरोबॉडी विमान का आर्डर दिया था, उनकी आपूर्ति मार्च 2026 तक नहीं हो सकेगी। इससे एयरलाइन के लिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह अब जितने भी नए विमान प्राप्त कर सकती है, उन्हें हासिल कर ले ताकि वह पीछे न रह जाए। 

हालांकि, दूसरे देश के लिए बने विमानों को खरीदने या बेचने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इनकी खरीद करने वाले ने इनमें कुछ केबिन कन्फिगरेशन सेट किया होगा या फिर कुछ भुगतान पहले ही किए गए हों।