Air India विमान क्रैश पर अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में क्या है जिस पर पायलटों के संगठन ने जताई आपत्ति?

Air India पर वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को लेकर पायलटों के संगठन ने आपत्ति जताई है। वहीं, इस जांच में एक भी पायलट न होने पर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं।

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एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर WSJ की रिपोर्ट की एफआईपी ने की निंदा Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः फेडेरेशन ऑफ इंडियन पॉयलट्स ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर वॉल स्ट्रीट जर्नल के नए लेख की निंदा की है और आरोप लगाया है कि रिपोर्ट में विमान में ईंधन नियंत्रण स्विच की गति को लेकर "पायलट की गलती" को इंगित करने का प्रयास किया है। 

एफआईपी प्रमुख सीएस रंधावा ने रिपोर्ट की निंदा करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह जारी विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में किसी भी पायलट को दोषी नहीं पाया गया है। 

एफआईपी प्रमुख ने क्या कहा?

समाचार एजेंसी एएनआई ने रंधावा के हवाले से लिखा "...(जांच) रिपोर्ट में कहीं भी यह उल्लेख नहीं किया गया है कि पायलट की गलती के कारण ईंधन नियंत्रण स्विच बंद हो गया था। मैं लेख की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि यह पायलट की गलती थी। उन्होंने रिपोर्ट को ठीक से नहीं पढ़ा है, और हम एफआईपी के माध्यम से उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।"

ज्ञात हो कि अहमदाबाद में उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान क्रैश हो गया था। इसे कैप्टन सुमीन सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर उड़ा रहे थे।  

पिछले हफ्ते इसकी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दोनों पायलटों के बीच कॉकपिट में हुई बातचीत का खुलासा हुआ था। इसमें कहा गया था कि विमान उड़ान भरने के तुंरत बाद उसके दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच रन स्थिति से कट ऑफ की स्थिति में आ गए थे। 

वॉल स्ट्रीट जर्नल की बुधवार को आई विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है "दुर्घटना की जांच में सामने आए साक्ष्यों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के प्रारंभिक आकलन से परिचित लोगों के अनुसार, विमान के दो पायलटों के बीच बातचीत की ब्लैक-बॉक्स रिकॉर्डिंग से संकेत मिलता है कि यह कैप्टन ही था जिसने विमान के दो इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले स्विच को बंद कर दिया था।"

एफआईपी प्रमुख रंधावा ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए लोगों से आग्रह किया कि वे रिपोर्ट पर टिप्पणी न करें और निष्कर्ष निकालने से पहले दुर्घटना की विस्तृत जांच का इंतजार करें।

उन्होंने जनवरी 2019 की हवाई दुर्घटना की जांच के साथ समानताएं भी बताईं और टीसीएमए (थ्रॉटल कंट्रोल मालफंक्शन एकोमोडेशन) की गहन जांच का सुझाव दिया।

इसके साथ ही उन्होंने एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच के लिए बनी समिति में एक भी पायलट के न होने पर भी आपत्ति जताई। 

उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह भी आग्रह किया कि जांच पैनल का पुनर्गठन किया जाए। इसमें पायलटों, इंजीनियरों और हवाई सुरक्षा विशेषज्ञों को शामिल किया जाए।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 56 वर्षीय कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास प्लेन उड़ाने का अनुभव 15,638 घंटे का था। इसमें से 8,569 घंटे उन्होंने बोइंग 787 विमान उड़ाया था। वहीं, 32 वर्षीय क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे का अनुभव था। इसमें से 1,128 घंटे उन्होंने बोइंग 787 विमानों में को-पॉयलट के रूप में निभाई थी।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में क्या है? 

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में जो बातें कही गई हैं वे इस प्रकार हैं- 

रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटना की जांच में सामने आए साक्ष्यों के मुताबिक, ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से इस बात का संकेत मिलता है कि कैप्टन ही था जिसने विमान के इंजनों में ईंधन प्रवाह को नियंत्रित करने वाले स्विच बंद कर दिए थे। 

इसमें दावा किया गया है कि पहले अधिकारी ने इसको लेकर आश्चर्य व्यक्त किया और फिर घबरा गया। वहीं, दूसरा पायलट शांत था। इसमें यह भी कहा गया कि एक पायलट अनुभवी और शांत था जबकि दूसरा घबराया हुआ था। 

एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में फ्यूल स्विच बंद करने के लिए किसी भी पायलट का नाम नहीं लिया गया है। लेकिन अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट सूत्रों के हवाले से लिखा है कि प्रांरभिक जानकारी में पता चलता है कि यह पायलट ही था जिसने स्विच ऑफ किया है। 

वहीं, इस रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि स्विच क्यों स्थानांतरित किए गए। तब दूसरे पायलट ने इससे इंकार कर दिया था। 

रिपोर्ट के मुताबिक, इंजन के फ्यूल के लिए बंद हुए स्विच को एक-एक सेकंड के अंतराल पर चलाया गया, और दोनों स्विच बंद होने के 10 सेकंड बाद शुरु कर दिए गए थे।

एएआईबी की रिपोर्ट हालांकि अभी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है कि यह घटना यांत्रिक विफलता के चलते हुई है या फिर कोई मानवीय भूल। भारतीय अधिकारी डिज़ाइन की खामियों और मनोवैज्ञानिक कारकों सहित सभी संभावनाओं की जाँच जारी रखे हुए हैं। अब अंतरराष्ट्रीय जाँच बढ़ रही है, खासकर कॉकपिट के व्यवहार और उड़ान के अंतिम क्षणों में निर्णय लेने की प्रक्रिया को लेकर। इसकी निष्कर्ष रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ पता चल सकेगा।

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