एक साल पहले ही चेताया था, खामी बताने पर नौकरी से निकाला गया...एयर इंडिया क्रैश मामले में दो पूर्व सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट्स का दावा

एयर इंडिया के दो वरिष्ठ फ्लाइट अटेंडेंट्स ने आरोप लगाया है कि 2024 में बोइंग 787 की तकनीकी गड़बड़ी की सूचना देने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने PM और CVC को शिकायत भेजी। एयर इंडिया और DGCA ने इन आरोपों को खारिज किया है...

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Photograph: (IANS)

अहमदाबाद में 12 जून को हुए भयावह एयर इंडिया विमान हादसे से जुड़ा एक सनसनीखेज दावा सामने आया है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के दो सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक साल पहले ही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की तकनीकी खामी की जानकारी दी थी, लेकिन सच्चाई बताने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

टीओआई के मुताबिक, दोनों फ्लाइट अटेंडेंट्स ने पत्र में आरोप लगाया है कि 14 मई 2024 को मुंबई-लंदन फ्लाइट (AI-129, VT-ANQ) जब हीथ्रो एयरपोर्ट पर पहुंची और यात्री उतर चुके थे, तब विमान का L4 दरवाजा खोलते समय अचानक स्लाइड राफ्ट बाहर आ गया। उनका दावा है कि दरवाजा 'मैनुअल मोड' में था, जबकि स्लाइड राफ्ट सामान्यतः 'ऑटोमैटिक मोड' में ही सक्रिय होता है। इस खामी की जानकारी तत्काल पायलट और केबिन-इन-चार्ज ने भी लिखित में दी थी, लेकिन बाद में प्रबंधन के दबाव में पायलट ने बयान बदल दिया।

फ्लाइट अटेंडेंट्स के मुताबिक कंपनी ने उनकी चिंताओं को ना सिर्फ खारिज कर दिया बल्कि उन्हें अपने बयान बदलने को कहा गया। बयान बदलने से इनकार करने पर उन्हें तीन वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से धमकी मिली और बाद में सेवा से निकाल दिया गया। आरोप लगाया गया कि डीजीसीए और एयर इंडिया दोनों ने इस घटना को दबा दिया।

एयर इंडिया ने आरोपों पर क्या जवाब दिया?

टाटा स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों कर्मचारियों को ‘गलत आचरण’ और ‘जांच में तथ्य छिपाने’ के चलते निकाला गया। एयरलाइन ने कहा कि घटनास्थल से जुटाए गए डेटा, तस्वीरों और थर्ड पार्टी विशेषज्ञों की राय के अनुसार दरवाजा मैनुअल मोड में था और इसी कारण स्लाइड एक्टिवेट हुआ।

12 जून को हुए हादसे के बाद डीजीसीए ने एयर इंडिया के 33 बोइंग 787 विमानों पर कड़ी नजर रखते हुए ‘एन्हांस्ड सर्विलांस’ का आदेश दिया। एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान की आखिरी बड़ी जांच जून 2023 में हुई थी और अगली दिसंबर 2025 में निर्धारित थी। इसके इंजन मार्च और अप्रैल 2025 में चेक किए गए थे और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी।

अब तक एयर इंडिया ने अपने 33 बोइंग 787 विमानों में से 26 की अतिरिक्त सुरक्षा जांच पूरी कर ली है और ये विमान सेवा में वापस लौट चुके हैं, जबकि बाकी विमानों की जांच नियत समयानुसार की जा रही है। डीजीसीए ने भी पुष्टि की है कि एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े में अब तक कोई बड़ी सुरक्षा चूक सामने नहीं आई है।

शिकायत करने वाले दोनों फ्लाइट अटेंडेंट्स दो दशक से अधिक समय से एयर इंडिया से जुड़े थे और उन्होंने 2024 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) में भी औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। उनका यह भी दावा है कि पिछले साल हुई तकनीकी गड़बड़ियों की अनदेखी ने अप्रत्यक्ष रूप से 2025 के अहमदाबाद विमान हादसे की नींव रखी।

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