एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर WSJ की रिपोर्ट की एफआईपी ने की निंदा Photograph: (आईएएनएस)
नई दिल्ली/लंदन: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गेटविक जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के हादसे के बाद शवों की शिनाख्त को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ब्रिटेन की डेली मेल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ ब्रिटिश परिवारों को उनके परिजनों के बजाय अन्य मृतकों के शव सौंप दिए गए। कुछ मामलों में तो एक ही शवपेटी में एक से अधिक लोगों के अंग पाए गए, जिससे अंतिम संस्कार से पहले उन्हें अलग करना पड़ा।
इस रिपोर्ट भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सभी शवों की पहचान तय प्रोटोकॉल और तकनीकी मानकों के तहत की गई थी और मृतकों के पार्थिव शरीरों को पूरे सम्मान और गरिमा के साथ उनके परिवारों को सौंपा गया।
ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट पर भारत ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को कहा, “हमने यह रिपोर्ट देखी है और जबसे यह मुद्दा हमारे संज्ञान में आया है, हम यूके अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। हादसे के बाद सभी पहचान की प्रक्रिया स्थापित प्रोटोकॉल और तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार की गई थी। हम किसी भी शंका का समाधान करने के लिए ब्रिटिश पक्ष के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लंदन के इनर वेस्ट के कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने शवों की पहचान की जांच के लिए परिवारों से लिए गए डीएनए सैंपलों से मिलान की प्रक्रिया शुरू करवाई। इसी के बाद कथित गड़बड़ियों का खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम दो मामलों में गलत पहचान हुई और शंका है कि ऐसे और भी मामले सामने आ सकते हैं।
कई ब्रिटिश परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे एविएशन लॉयर जेम्स हीली-प्रैट ने बताया कि हादसे में मारे गए 12 ब्रिटिश नागरिकों के शव उनके देश भेजे गए थे। उन्होंने कहा, “कुछ परिवारों को अपने परिजन के बजाय किसी और का शव मिला है। वे बेहद आहत और परेशान हैं। हम एयर इंडिया और उसके आपातकालीन सेवा प्रदाता केन्यन इंटरनेशनल से आधिकारिक जवाब का इंतजार कर रहे हैं।”
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, इस मुद्दे को लेकर जल्द ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर सकते हैं। दोनों देशों में इस संवेदनशील मामले को लेकर उच्च-स्तरीय जांच चल रही है। भारत सरकार ने जहां स्पष्ट किया है कि उसकी ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई, वहीं ब्रिटेन में शवों की अदला-बदली को लेकर उठी आशंकाएं मामले को और संवेदनशील बना रही हैं।
12 जून को हुआ था हादसा
12 जून को एयर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान अहमदाबाद से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने कहा था कि विमान के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई एक सेकंड के अंतर में बंद हो गई, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति बनी और हादसा हुआ।
भारत के नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 जुलाई को सभी एयरलाइनों को बोइंग 787 और 737 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच के निर्देश दिए थे। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपनी पूरी फ्लीट की जांच पूरी कर ली है और किसी भी तकनीकी खामी की पुष्टि नहीं हुई है।