नई दिल्ली: एयर इंडिया ने मंगलवार को बताया कि उसने अपने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर और बोइंग 737 विमानों (जिसमें उसकी एयर इंडिया एक्सप्रेस डिवीजन भी शामिल है) के पूरे बेड़े में फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) लॉकिंग तंत्र की जांच पूरी कर ली है। उसने बताया कि इसमें कोई असामान्यता या खराबी नहीं पाई गई। ये निरीक्षण नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा 14 जुलाई को जारी निर्देश के तहत किए गए। इन विमानों में स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म की संभावित खामियों को लेकर संदेह जताया गया था।

दरअसल भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि टेकऑफ के तुरंत बाद ही दुर्घटनाग्रस्त विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच "CUTOFF" स्थिति में चले गए थे, जिससे ईंधन आपूर्ति बाधित हो गई थी और विमान कुछ ही सेकंड में गिरकर एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की मौत हुई, और 19 लोग जमीन पर भी मारे गए। डीजीसीए ने इसी आधार पर सभी भारतीय ऑपरेटरों को 21 जुलाई तक बोइंग 787 और 737 विमानों पर FCS लॉक्स का अनिवार्य निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।

एयर इंडिया ने बताया कि उसने उड्डयन महानिदेशालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा का पूरी तरह से पालन किया है, बल्कि 12 जुलाई को ही स्वेच्छा से इन जांचों को शुरू कर दिया था। एयर इंडिया और उसकी कम लागत वाली शाखा, एयर इंडिया एक्सप्रेस, दोनों ने नियामक के सुरक्षा दिशानिर्देशों का पूर्ण अनुपालन किया है।

एयर इंडिया ने यह भी बताया कि उसने बोइंग के रखरखाव दिशानिर्देशों के अनुसार अपने 787 बेड़े में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) के बदलने का कार्य भी किया है। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को दिए बयान में कहा, "एयर इंडिया यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"

यह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है; सिंगापुर एयरलाइंस सहित वैश्विक वाहकों ने भी संबंधित यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की 2018 की सलाह के बाद अपने बोइंग 787 FCS लॉक के ठीक से काम करने की पुष्टि की है। बोइंग और अंतर्राष्ट्रीय नियामक (FAA, DGCA) का मानना है कि मौजूदा लॉकिंग तंत्र सुरक्षित हैं, हालांकि भारतीय अधिकारियों ने अतिरिक्त आश्वासन के लिए अतिरिक्त अनिवार्य जांच पर जोर दिया।

अहमदाबाद दुर्घटना के मूल कारण की पड़ताल के लिए एएआईबी की जांच अभी भी जारी है, जिसमें यह भी शामिल है कि ईंधन आपूर्ति बंद होने की घटना यांत्रिक खराबी या मानवीय गलतियों के कारण हुई थी।