एयर इंडिया AI171 हादसा: ब्रिटिश लॉ फर्म ने उठाए ये दो गंभीर तकनीकी सवाल

12 जून को एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के थोड़ी देर बाद ही अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक ही बच पाया।

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air india Photograph: (IANS)

नई दिल्लीः लंदन की एक प्रमुख कानूनी फर्म कीस्टोन लॉ ने अहमदाबाद से लंदन गेटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के हादसे पर दो गंभीर तकनीकी सवाल उठाए हैं। यह विमान 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गेटविक जा रहा था, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 260 लोगों की जान गई, जिनमें 52 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे।

फर्म ने कहा है कि ब्रिटेन के लगभग 20 पीड़ित परिवारों ने उन्हें आधिकारिक रूप से कानूनी सलाह और प्रतिनिधित्व के लिए नियुक्त किया है। कीस्टोन लॉ की टीम, जो विमान दुर्घटनाओं में विशेषज्ञ मानी जाती है, दो चीजों की गहराई से जांच कर रही है:

Ram Air Turbine (RAT): यह एक इमरजेंसी सिस्टम होता है जो विमान की बिजली या हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो जाने पर खुद-ब-खुद चालू हो जाता है। फर्म का कहना है कि RAT का चालू होना किसी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

दोनों इंजनों का एक-एक करके फेल हो जाना: यह बहुत ही गंभीर मामला है क्योंकि इससे विमान को उड़ाए रखना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

पीड़ित परिवारों की ओर से क्या हो रहा है?

फर्म के वकील जेम्स हीली-प्रैट ने कहा, “हमारी तकनीकी टीम का मानना है कि RAT का ऑटोमैटिकली डिप्लॉय होना संकेत देता है कि टेकऑफ के बिल्कुल पास किसी गंभीर सिस्टम फेल्योर की आशंका है।”

उन्होंने आगे बताया कि फर्म फिलहाल भारत और अमेरिका में चल रही जांच के साथ-साथ ब्रिटेन के कोरोनियल प्रोसेस के तहत प्रभावित परिवारों के साथ है।  हादसे की जांच रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आने वाली है और उसी के आधार पर अगला कदम तय किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो लंदन हाईकोर्ट या अमेरिका की अदालत में बोइंग या एयर इंडिया के खिलाफ केस किया जा सकता है।

हीली-प्रैट के मुताबिक, "हमारे परिवार यह जानना चाहते हैं कि RAT क्यों सक्रिय हुई और इंजनों में थ्रस्ट क्यों नहीं था। हमें उम्मीद है कि ब्लैक बॉक्स और प्रारंभिक रिपोर्ट इन सवालों पर कुछ प्रकाश डालेंगे।”

क्या हुआ था हादसे में?

12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद AI171 एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर तकनीकी खराबी के चलते शहर के बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास ब्लॉक से टकरा गया। हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक जीवित बचा, जबकि मृतकों में 19 लोग जमीन पर मौजूद थे।

यूके की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) और डिजास्टर विक्टिम आइडेंटिफिकेशन टीम भारत सरकार को तकनीकी जांच और डीएनए से पहचान में सहायता दे रही हैं। कीस्टोन लॉ अब भारत के कुछ परिवारों से भी संपर्क में है और इस मामले में बोइंग, एयर इंडिया और उनके बीमा एजेंट्स के खिलाफ संभावित मुकदमे की तैयारी में जुटी है।

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