नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में भारत की भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया था और उन्होंने वहां कहा था कि दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध में भारत शुरू से शांति का पक्ष रखते आ रहा है।
अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से कहा था कि वह इस युद्ध को खत्म करने और शांति के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।
यूक्रेन की यात्रा के बाद इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी जिसकी जानकारी उन्होंने एक्स पर दी थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी इस सिलसिले में बात की थी।
इस बातचीत के बाद अब खबर है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस जाने वाले हैं। खबर यह भी है कि उनकी यात्रा के दौरान युद्ध को लेकर चर्चा की जाएगी। दावा है कि रूस द्वारा युद्ध को खत्म करने के संकेत मिलने के बाद डोभाल की यात्रा की बात सामने आ रही है।
भारत और रूस के बीच बनी है सहमति
एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी की पहले रूस और अब यूक्रेन की यात्रा के बाद महत्वपूर्ण चर्चाओं के लिए अजीत डोभाल मास्को की यात्रा करने वाले हैं। पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल में फोन कॉल के दौरान इस यात्रा पर सहमति बनी है जिसके बाद अजीत डोभाल की यात्रा की खबर सामने आ रही है।
दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात को लेकर बोलते हुए रूसी दूतावास ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी सरकार और उसके पश्चिमी समर्थकों की गलत नीतियों के बारे में बात हुई है।
इस संघर्ष को हल करने के तरीके के बारे में रूस के विचारों को भी फोन कॉल में चर्चा की गई है। डोभाल के मिशन में पीएम मोदी की शांति योजना को लागू करने और क्रेमलिन अधिकारियों के साथ बातचीत करने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
अजीत डोभाल का रूस यात्रा इस बात का प्रमाण है कि रूस इस युद्ध को लेकर समझौता करना और इसे खत्म करने में काफी एक्टिव दिख रहा है। इसी साल अक्टूबर में मॉस्कों में ब्रिक्स एनएसए की बैठक होने वाली है। अजीत डोभाल की रूस यात्रा को इस बैठक में हिस्सा लेने को लेकर उसकी तैयारियों को भी लेकर देखा जा रहा है।
कैसे बढ़ रहा है भारत का कद
वैश्विक कूटनीति में भारत के बढ़ते प्रभाव को दुनिया भर के नेताओं ने स्वीकार किया है। रूस और यूक्रेन मुद्दे पर भारत बहुत पहले से एक अलग ही रूख रखता है जिससे पूरी दुनिया में यह एक अलग ही पहचान बनाने में कामयाब रहा है।
इस मुद्दे को लेकर जहां अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश एक तरफ हैं और ये रूस के खिलाफ हैं वहीं भारत और चीन दूसरी ओर रूस के साथ अच्छे संबंध रख रहे हैं। रूस न केवल भारत पर भरोसा करता है बल्कि बड़े पैमाने पर इससे व्यापार भी करता है।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि दुनिया में भारत जैसे केवल कुछ ही देश हैं जिसके पीएम रूस और यूक्रेन जाते हैं और उनका वहां भव्य स्वागत होता है। उनका कहना है कि पीएम मोदी की नेतृत्व में भारत ने ऐसा मोकाम हासिल किया है जिससे यह दुनिया की राजनीति में अहम रोल अदा करने का कूवत रखता है।
रूस से लेकर अमेरिका ने पीएम मोदी की यात्रा की तारीफ
इससे पहले पीएम मोदी की रूस और फिर यूक्रेन की यात्रा को लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। रूस ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को “ऐतिहासिक और गेम चेंजर” बताया था।
वहीं यूक्रेन ने भी प्रधानमंत्री की यात्रा को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा था कि युद्ध को समाप्त करने के वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों में भारत की भूमिका “महत्वपूर्ण” है।
अमेरिका ने पीएम मोदी की यात्रा पर बोलते हुए भारत के कोशिशों की भी तारीफ की थी। अब इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का भी बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने इस युद्ध को खत्म करने में भारत की अहम भूमिका का जिक्र किया है।
संघर्ष खत्म करने में भारत पर भरोसा- रूसी राष्ट्रपति
गुरुवार को व्लादिवोस्तोक में 9वें पूर्वी आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस मुद्दे को सुलझाने में भारत की भूमिका का उल्लेख किया था।
इस मौके पर पुतिन ने कहा था कि “हम अपने मित्रों और भागीदारों का सम्मान करते हैं, जो मुझे लगता है कि संघर्ष (यूक्रेन के साथ) से जुड़े सभी मुद्दों के समाधान करने में ईमानदारी से रुचि रखते हैं। मैं चीन, ब्राजील, भारत के नेताओं के संपर्क में हूं और मुझे इन देशों के नेताओं पर भरोसा है। वे समस्या के समाधान में भूमिका निभा सकते हैं।”
भारत और चीन यूक्रेन संघर्ष को सुलझा सकते हैं-इटली पीएम
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन जैसे देश यूक्रेन में संघर्ष को सुलझाने में भूमिका निभा सकते हैं। मेलोनी की यह टिप्पणी शनिवार को उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में एम्ब्रोसेटी फोरम में की गई, जहां उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ भी बैठक की।
यह टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा क्षेत्र में चल रहे संकट को सुलझाने में भारत के प्रयासों पर बयान के 48 घंटे से भी कम समय बाद आई।
मेलोनी ने कहा, “यह स्पष्ट है कि यदि अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों को तोड़ा जाता है, तो इससे अराजकता और संकट को बढ़ावा मिलेगा। यही बात मैंने अपने चीनी समकक्षों से भी कही। मुझे लगता है कि चीन और भारत जैसे राष्ट्र यूक्रेन में संघर्ष को हल करने में भूमिका निभा सकते हैं और उन्हें भूमिका निभानी चाहिए।”
मेलोनी की टिप्पणी शनिवार को एम्ब्रोसेटी फोरम के दौरान जेलेंस्की के साथ उनकी बैठक के बाद आई। वहां दोनों नेताओं ने ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ