दिल्ली में बन सकती है ट्रिपल इंजन की सरकार, जानें कैसे होता है मेयर का चुनाव?

आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले पार्षदों में एंड्रयूज गंज से अनीता बसोया, आरके पुरम से धर्मवीर और चपराना से निखिल शामिल हैं।

Civic Centre complex in Delhi

Civic Centre complex in Delhi Photograph: (Social Media)

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब दिल्ली एमसीडी में भी बीजेपी की सरकार बन सकती है। दरअसल, आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने वालों में एंड्रयूज गंज से पार्षद अनीता बसोया, आरके पुरम से पार्षद धर्मवीर और चपराना से पार्षद निखिल शामिल हैं। इनके अलावा आप के चार नेताओं ने भी बीजेपी हाथ थामा। ऐसे में दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षद की सीटें हैं। इनमें आप के 121 पार्षदों में से तीन ने विधानसभा चुनाव जीता, यानी 118 पार्षद बचे।

जबकि बीजेपी के 120 पार्षदों में से आठ विधानसभा चुनाव जीते, यानी 112 बचे। अब तीन पार्षद के दलबदल के बाद आप का आंकड़ा 115 और बीजेपी का आंकड़ा 115 यानी बराबर हो गया है। आइए जानते हैं दिल्ली में मेयर का चुनाव कैसे होता है। गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में दिल्ली एमसीडी के के मेयर का चुनाव होना है। इससे पहले बीते साल नवंबर 2024 में हुआ था, लेकिन कार्यकाल केवल 5 महीने का है क्योंकि एमसीडी में हर साल अप्रैल में ही मेयर का चुनाव होता है। तब आप के महेश खिंची ने बीजेपी के किशन लाल को तीन वोट से हराया था। तब 263 वोट डाले गए थे। खिंची को 133, लाल को 130 वोट मिले थे। 2 वोट अवैध हो गए थे।

एमसीडी में कैसे होता है मेयर का चुनाव?

एमसीडी एक्ट के मुताबिक, दिल्ली मेयर पद का कार्यकाल एक साल का होता है, जबकि पार्षदों का कार्यकाल पूर्ण रूप से 5 वर्ष का होता है। एमसीडी चुनाव होने के बाद सदन की पहली बैठक में मेयर का चुनाव संपन्न कराया जाता है, जिसमें सबसे पहले पार्टियों की ओर से अपने उम्मीदवार का नामांकन किया जाता है। मेयर का चुनाव न केवल सीधे वोटर्स द्वारा किया जाता है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की भी इस प्रक्रिया में भागीदारी होती है। इन प्रतिनिधियों में सिर्फ नवनिर्वाचित पार्षद ही नहीं, बल्कि एक पूरा इलेक्टोरेल कॉलेज को भी शामिल किया जाता है जो दिल्ली के प्रथम नागरिक यानी मेयर का चुनाव करता है। साल 2015 तक दिल्ली के मनोनीत पार्षदों को वोट देने का अधिकार नहीं था।

कौन होता है एल्डरमेन?

इन मनोनीत पार्षदों को एल्डरमेन कहा जाता है। जब एमसीडी को तीन हिस्सों में बांटा गया तो हर एमसीडी में 10-10 मनोनीत पार्षदों को नामांकित किया गया, लेकिन वे किसी भी चुनाव में वोट नहीं दे सकते थे और न ही किसी पद पर चुने जा सकते थे। पूर्व कांग्रेस नेता और एल्डरमैन ओनिका मल्होत्रा ​​ने दिल्ली हाई कोर्ट में केस दायर किया। अप्रैल 2015 को दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इन एल्डरमैन को वार्ड समिति चुनाव में वोट देने का अधिकार दे दिया।

मेयर के चुनाव के लिए अलग-अलग नामांकन किए जाते हैं। इसमें कोई भी पार्षद नामांकन कर सकता है। वोटिंग के दिन सीक्रेट बैलेट से वोट डाले जाते हैं। पर्ची पर मेयर के संबंध में सही निशान दर्ज करना होता है। उपराज्यपाल द्वारा नामित पीठासीन अधिकारी प्रक्रिया तय करने के लिए जिम्मेदार होता है। कोई भी पार्षद अपनी पसंद के किसी भी उम्मीदवार को वोट दे सकता है और दल-बदल विरोधी कानून उस पर लागू नहीं होता क्योंकि गुप्त मतदान में यह पता लगाना असंभव है कि किसने किसे वोट दिया। चूंकि दिल्ली नगर निगम में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं है, इसलिए पार्षदों की क्रॉस वोटिंग संभव है।

एक साल का होता है मेयर का कार्यकाल?

वहीं, एमसीडी एक्ट के मुताबिक, एमसीडी के लिए हर तीन साल में चुनाव कराना अनिवार्य है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन सी पार्टी सत्ता पर काबिज रहेगी। अधिनियम की धारा 35 में कहा गया है कि एमसीडी प्रत्येक वित्तीय वर्ष की अपनी पहली बैठक में एक मेयर का चुनाव करेगी। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने पर बहुमत वाली पार्टी अपने उम्मीदवार को मेयर के रूप में नामित करने के लिए पात्र होती है। हालांकि, यदि प्रतिद्वंद्वी पार्टी विजयी उम्मीदवार के विरोध में अपने उम्मीदवार को नामांकित करती है तो चुनाव होता है।

अगर मेयर का कार्यकाल एक साल है, एक्ट यह निर्धारित करता है कि एक पार्टी को अपने प्रशासन के पहले साल में एक महिला को मेयर के रूप में चुनना होगा और तीसरे वर्ष में अपने पार्षदों में से एक अनुसूचित जाति के सदस्य को चुनना होगा।

मेयर चुनाव में कौन-कौन डाल सकता है वोट?

इस बार परिसीमन के बाद दिल्ली नगर निगम में 250 वार्ड निर्धारित किए गए, जिसमें एक मेयर इसकी अध्यक्षता करेगा। एमसीडी में मेयर बनने के लिए 138 वोट मिलना जरूरी है। दिल्ली मेयर के चुनाव में सभी निर्वाचित 250 पार्षद, दिल्ली के सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक इस मेयर चुनाव में वोट करेंगे।  

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article