IAS पूजा खेडकर के विवाद के बाद UPSC कर सकता है परीक्षा सिस्टम में बदलाव, नई तकनीक की हो सकती है एंट्री

हाल में महाराष्ट्र कैडर की आईएएस पूजा खेडकर समेत अन्य घटनाओं ने खूब तूल पकड़ा था और इस मुद्दे को लेकर खूब चर्चा भी हुई थी।

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What is truth of story of up Rae Bareli Jyoti Mishra becoming IFS from SC quota amidst controversy IAS Pooja Khedkar

संघ लोक सेवा आयोग (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: सरकारी परीक्षाओं में धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी (UPSC) ने डिजिटल तकनीक का उपयोग करने का फैसला किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा व्यवस्था में बदलाव की तैयारी को लेकर संघ ने बोलियां बुलाई है। संघ द्वारा आयोजित परीक्षा, इंटरव्यू और चयन में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इस मुद्दे पर संघ के तरफ से अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बता दें कि हाल में ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर समेत अन्य घटनाओं के कारण संघ द्वारा आयोजित परीक्षाओं और उसके चयन को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर संघ की परीक्षा को पास करने और नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया था।

कौन सी नई लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल

संघ परीक्षा प्रक्रिया में आधार आधारित फिंगरप्रिंट, डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग, चेहरे की पहचान और ई-एडमिट कार्ड्स के लिए क्यूआर कोड स्कैनिंग जैसी तकनीक को इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है।

यही नहीं परीक्षा के दौरान लाइव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई -आधारित सीसीटीवी निगरानी भी होने की बात सामने आ रही है। इस तरह से तकनीक के इस्तेमाल के पीछे संघ का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और निष्पक्षता के उच्च मानकों को बनाए रखना है।

तकनीक के यूज के पीछे संघ की परीक्षा में चीटिंग और फ्रॉड जैसे घटनाओं को रोकना है।

हर साल 14 परीक्षाएं आयोजित करता है संघ

संघ हर साल सीएसई यानी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन समेत 14 परीक्षाएं आयोजित करता है। इन परीक्षाओं के अलावा संघ केंद्र सरकार में ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' पदों के लिए तरह-तरह के रिक्रूटमेंट टेस्ट और इंटरव्यू भी आयोजित कराता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 18 जुलाई को जारी किए गए टेंडर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि संघ द्वारा आने वाली परीक्षाओं में इस तकनीक को इस्तेमाल किया जाएगा या नहीं।

पूजा खेडकर समेत अन्य घटनाओं के बाद उठाया गया कदम

बता दें कि संघ द्वारा यह कदम उस समय उठाया जा रहा है जब यूपीएससी की परीक्षा और इसके चयन प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हाल में महाराष्ट्र कैडर की आईएएस पूजा खेडकर समेत अन्य घटनाओं ने खूब तूल पकड़ा था और इस मुद्दे को लेकर खूब चर्चा भी हुई थी।

पूजा पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए संघ की नौकरी पाने का आरोप है। उन पर नॉन क्रीमी लेयर और ओबीसी वर्ग के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए संघ ज्वाइन करने का आरोप है।

पूजा पर लगे हैं यह आरोप

यही नहीं उन पर ट्रेनिंग के दौरान अपने पद का गलत इस्तेमाल करने और अतिरिक्त सुविधा की मांग करने का भी आरोप है। पुणे कलेक्टर की शिकायत के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी और उनका तबादला कर दिया था।

जब पूजा की खबरों ने तूल पकड़ा था और पूरा मामला सामने आया तो बीच में ही उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई थी और उन्हें मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने को कहा गया था। खबर यह भी है कि उन्होंने खबर लिखने तक अकादमी को रिपोर्ट नहीं किया है।

संघ ने पूजा के बारे में क्या कहा है

इस बीच संघ ने उनकी नियुक्ति रद्द करने के लिए एक भी नोटिस जारी किया है। एक बयान में संघ ने कहा है कि पूजा ने परीक्षा में शामिल होने के लिए कई बार अपना नाम, माता-पिता के नाम, फोटो, हस्ताक्षर, ईमेल, मोबाइल नंबर और पता बदला है और धोखाधड़ी के कई प्रयास किए हैं।

पूजा के इन प्रयासों से उन्होंने परीक्षा में शामिल होने वाले स्वीकार्य संख्या को भी पार कर लिया है। परीक्षा में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में संघ ने उन पर मामला भी दर्ज करवाया है और दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले की जांच भी की जा रही है।

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