नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलकर उनको अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
उनके इस्तीफे के बाद अब दिल्ली में नई सरकार के गठन की कवायद शुरू हो गई है। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार की सुबह विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें आतिशी का नाम केजरीवाल ने खुद मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था।
आतिशी केजरीवाल की सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक बताई जाती हैं। बता दें कि आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के जेल जाने के बाद आतिशी ने सबसे ज्यादा 13 मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी।
केजरीवाल के इस्तीफे पर आतिशी ने क्या कहा
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी ने कहा, “केजरीवाल सरकार के खिलाफ भाजपा पिछले दो साल से लगातार दुष्प्रचार कर रही है, लेकिन आज तक उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। भाजपा ने हमारी पार्टी पर कई तरह के फर्जी आरोप लगाए। हमारे नेता अरविंद केजरीवाल को पिछले छह महीने तक जेल में रखा गया।”
आतिशी अब जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगी।
जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने सीएम पद छोड़ने की बात कही थी
बता दें कि शराब घोटाले में सीबीआई वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब वह जनता की अदालत जाएंगे। जनता चाहेगी, तभी वह सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे। इसके साथ ही उन्होंने नवंबर में ही दिल्ली का चुनाव कराये जाने की मांग की थी।
आतिशी ने लोगों से बधाई न देने की है अपील
मंगलवार सुबह विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी का नाम सीएम पद के लिए प्रस्तावित किया था। इसके बाद, आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल की तारीफ की थी। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि उन्हें कोई बधाई न दें, क्योंकि आज वह बहुत दुखी हैं।
आतिशी नेआरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर लगातार केजरीवाल को परेशान कर रही है। पिछले छह महीने से केजरीवाल सलाखों के पीछे थे और आज भी भाजपा के खिलाफ आप की लड़ाई जारी है।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)