27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की वापसी, केजरीवाल का सियासी पतन?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट नहीं बचा सके, वहीं मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अन्य बड़े नेता भी हार गए।

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे राजधानी की राजनीति के लिए ऐतिहासिक साबित हुए। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त जीत दर्ज करते हुए सत्ता में वापसी की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा। जो पार्टी 2015 में 67 सीटें जीतकर दिल्ली की सबसे ताकतवर राजनीतिक शक्ति बन गई थी, वह इस चुनाव में महज 22 सीटों पर सिमट गई।

सबसे बड़ा झटका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लगा, जो अपनी नई दिल्ली सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के खिलाफ हार गए। यह हार केवल एक चुनावी पराजय नहीं बल्कि उनकी राजनीति के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी के अन्य दिग्गज नेता जैसे पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन और अन्य वरिष्ठ नेता भी चुनाव हार गए।

AAP की हार के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के आरोप, शराब घोटाला, शीश महल विवाद और जनता के बीच पार्टी की गिरती साख प्रमुख हैं। चुनाव से पहले ही कई सर्वेक्षण यह इशारा कर रहे थे कि दिल्ली में AAP की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है, लेकिन खुद अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी इस सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं थी।

बीजेपी की इस जीत के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, संगठन की मजबूत रणनीति और दिल्ली के मतदाताओं में AAP के प्रति बढ़ती नकारात्मकता अहम फैक्टर रहे। अब सवाल यह है कि AAP इस हार से सबक लेकर आगे बढ़ेगी या यह केजरीवाल की राजनीति के अंत की शुरुआत है?

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