आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण कहा- कुंभ हादसे के लिए सीएम योगी को दोष देना गलत

आचार्य मिथिलेश ने कहा कि आए हुए लोगों को अपनी जान की, अपनी व्यवस्था की और अपने व्यवहार की चिंता करनी चाहिए। यह बहुत चिंता में डालने और शोक करने वाली बात है कि लोगों के प्राण गए या उन्हें क्षति पहुंची।

Acharya Mithilesh Nandini Sharan

आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण। फोटोः IANS

महाकुंभ नगरः सेवाज्ञ संथानम के आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण का मानना है कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान मची भगदड़ में प्रशासन ने बहुत संयम से कार्य किया। इस मामले पर राजनीति करना ठीक नहीं है और लोगों को खुद भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। 

आईएएनएस के साथ खास बातचीत में आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा, "महाकुंभ की जैसी व्यवस्था भी हमारे सामने है, यह कल्पनातीत है। पहले कभी ऐसी व्यवस्था नहीं हुई थी। यदि आप दुर्घटना के पीछे के कारणों पर जाएंगे तो सीमित देशकाल में असीमित जनसंख्या आती है। यदि प्रत्येक व्यक्ति जो मेले में शामिल हो रहा है, वह व्यवस्था का पालन नहीं करेगा, धैर्य और व्यवहार में अपने संयम नहीं रखेगा, तो दुर्घटना संभव है। यह व्यवस्था का दोष नहीं है। उन्माद और उद्वेग के कारण इस तरह की परिस्थितियां सामने आती हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने की बात करना हास्यास्पद है और चिंताजनक है।"

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेले के प्रारंभ होने के पहले घूम-घूमकर यहां की सड़कें, यहां की व्यवस्थाएं, यहां के पंडाल, यहां के मंच की चीजों को ठीक करने में लगे हुए थे। हम पहली बार देख रहे हैं कि कोई मुख्यमंत्री एक-एक आश्रम में जाकर एक-एक महात्मा के पास जाकर उनका कुशल पूछ रहा है, उनकी व्यवस्थाओं की चिंता कर रहा है और निरंतर यहां की अपडेट ले रहा है। ऐसी व्यवस्था, ऐसा सम्मान, ऐसी अनुकूलता शासन की ओर से पहले कभी नहीं की गई थी। मुख्यमंत्री को जितनी प्रशंसा की जाए, जितनी उनकी सराहना की जाए, वह कम है।

आचार्य मिथिलेश ने कहा कि आए हुए लोगों को अपनी जान की, अपनी व्यवस्था की और अपने व्यवहार की चिंता करनी चाहिए। यह बहुत चिंता में डालने और शोक करने वाली बात है कि लोगों के प्राण गए या उन्हें क्षति पहुंची। लेकिन इसमें मुख्यमंत्री को कोई दोष नहीं दिया जा सकता। यदि कोई देता है, तो मुझे लगता है कि उसे अपनी समझ, नैतिकता और अपनी दृष्टि पर विचार करना चाहिए।

आचार्य मिथिलेश ने कुंभ में व्यवस्था संभालने के लिए सेना को कमान देने के सवाल पर कहा कि सेना के लोग सारी तैयारियों के बाद युद्ध में जाते हैं, फिर भी वहां वीरगति को प्राप्त होते हैं। सेना में भी दुर्घटनाएं होती हैं। सेना के पास और भी बहुत काम हैं। सेना इसलिए ट्रेनिंग लेती है कि देश की सीमाओं की रक्षा करें और किसी असाधारण परिस्थिति में उसका उपयोग किया जाए। यह कथन भी ठीक नहीं है कि पुलिस इस मामले को संभाल नहीं पाई। पुलिस ने व्यवस्था को बहुत अच्छे से संभाला, अन्यथा क्षति और भी बहुत ज्यादा हो सकती थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया आह्वान पर आचार्य मिथिलेश ने कहा, "प्रधानमंत्री ने बिल्कुल सही बात कही है और वह इसे कहने के अधिकारी हैं। इतनी अधिक आयु में इतने अधिक कार्यभार के बाद उनकी फिटनेस शानदार है। शरीर में चर्बी न बढ़े, इसके लिए हमें व्यायाम करना चाहिए। योग का निरंतर अभ्यास करना चाहिए। इसके साथ ही नियमित तौर पर आहार का संयम बहुत जरूरी है।"

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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