कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चिंता व्यक्त की है। बनर्जी ने कहा कि यदि चुनाव आयोग को लगता है कि यदि मतदाता सूची में अनियमितता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट को इस्तीफा दे देना चाहिए।
बनर्जी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग चुनिंदा तौर पर यह नहीं कह सकता है कि गुजरात या उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में मतदाता सूची ठीक है लेकिन पश्चिम बंगाल, बिहार या तमिलनाडु में नहीं।
बनर्जी ने क्या आरोप लगाया?
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अभिषेक बनर्जी के हवाले से लिखा "यदि मतदाता सूची में एसआईआर किया जाता है तो इसे पूरे देश में किया जाना चाहिए और पहला कदम प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल का इस्तीफा होना चाहिए और लोकसभा को भंग करना चाहिए। "
बनर्जी ने केंद्र सरकार की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि मौजूदा सरकार उसी वोटर लिस्ट के आधार पर चुनी गई है तो सरकार की वैधता शून्य और अमान्य है।
उन्होंने आगे कहा "यदि चुनाव आयोग कह रहा है कि मतदाता सूची में विसंगतियां हैं तो लोकसभा भंग कर देनी चाहिए और एसआईआर पूरे देश में कराना चाहिए।"
अभिषेक ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और 240 से अधिक सांसद उसी वोटर लिस्ट के आधार पर चुने गए थे।
सभी राज्यों में होना चाहिए एसआईआर
बनर्जी ने कहा कि नियम अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग नहीं हो सकते। एसआईआर सभी राज्यों में होना चाहिए। भाजपा पर आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा कि बिहार में एसआईआर इस वजह से कराया जा रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि राज्य में चुनाव हार सकते हैं।
गौरतलब है कि इसी साल अक्टूबर-नवंबर महीने में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में बिहार में एसआईआर को लेकर सियासी गहमागहमी तेज है। इंडिया ब्लॉक के नेता संसद के मानसून सत्र के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।