नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली की एक अदालत से राहत मिल गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी पर 24 फरवरी तक रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। साथ ही अमानतुल्लाह खान को कोर्ट ने आदेश दिया कि वह आज शाम से ही इस जांच में शामिल हों।
मालूम हो कि आप विधायक पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले का नेतृत्व करने और कोर्ट से घोषित अपराधी को फरार करवाने में मदद की थी। इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
तीन दिनों से फरार है अमानतुल्लाह खान
बता दें कि दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान बीते तीन दिनों से फरार चल रहे हैं। वहीं, सोमवार को दर्ज एफआईआर के बाद से वे पुलिस के सामने नहीं आए हैं। फिलहाल, दिल्ली पुलिस की कई टीमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में उनकी तलाश कर रही हैं। दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले का कथित तौर पर नेतृत्व करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट ने जिस आरोपी शावेज़ खान को PO (भगोड़ा) घोषित किया हुआ है विधायक अमानतुल्ला खान उसको बचा रहे थे।
वहीं, अमानतुल्लाह खान ने कल दावा किया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने रेड के दौरान जिस शावेज़ को पकड़ा था वो जमानत पर था और उसने जमानत के कागजात दिखाए थे।जबकि कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक शावेज़ खान को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है। इसी शावेज़ खान को जामिया इलाके में क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़ा था तब अमानतुल्लाह और उनके कुछ समर्थकों ने क्राइम ब्रांच की टीम पर हमला किया और आरोप को पुलिस के कब्जे से छुड़वा कर फरार करवा दिया।
अमानतुल्लाह खान ने मांगी सुरक्षा
आप विधायक ने जांच में शामिल होने से पहले सुरक्षा की मांग करते हुए दावा किया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। अमानतुल्लाह ने कहा, 'मुझे उस आदमी को बचाने के लिए कहा गया और बताया गया कि वह इलाके का ही निवासी है। उस आदमी से मेरा कोई करीबी रिश्ता नहीं है। जब मैंने स्थानीय लोगों से पूछा तो पता चला कि वो लोग (सादे कपड़े वाले) उसे धमका रहे थे।'
अमानतुल्लाह के अनुसार बाद में पता चला कि उस आदमी को 2018 में साकेत अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई थी। उन्होंने लिखा कि इसके बावजूद सादे कपड़ों में आए लोग, जो पुलिस से होने का दावा कर रहे थे, उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे और दूसरे लोगों को धमका रहे थे। विधायक ने यह दावा भी किया कि सादे परिधान वाले लोगों ने अपनी पहचान जाहिर करने से इनकार कर दिया और उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।