नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सोमवार को हिरासत में ले लिया। यह पूरा मामला दिल्ली के कथित वक्फ घोटाले से जुड़ा है। इससे पहले ईडी की टीम ने सुबह-सुबह उनके घर पर छापा मारा था और तलाशी ली।
आप विधायक ने ईडी की टीम के उनके घर पहुंचने के कुछ ही देर बाद एक्स पर एक वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि उनके मनोबल और पार्टी को तोड़ने की कोशिशें हो रही हैं। आप विधायक की ओर से अग्रिम जमानत की याचिका को भी इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था।
अमानतुल्लाह खान पर क्या आरोप है…क्यों हुई गिरफ्तारी?
अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए अपने पद का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया। इसमें उनके द्वारा 32 लोगों को अवैध रूप से नियुक्ति देने के आरोप हैं। आरोप हैं कि उन्होंने वक्फ बोर्ड के स्वीकृत सहित गैर-स्वीकृत पदों पर मनमाने तरीके से नियुक्तियां की। आरोपों के अनुसार जिन लोगों की नियुक्ति की गई इनमें विधायक के 5 रिश्तेदार और ओखला के 22 लोग शामिल हैं।
साथ ही फंड का गलत इस्तेमाल करने के आरोप भी हैं। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम (मुख्यालय) ने नवंबर 2016 में अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। तब खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे। विधायक पर दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध रूप से किराए पर देने के भी आरोप हैं।
यह भी आरोप हैं कि इन गैरकानूनी तरीकों से नियुक्तियों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध रूप से लीज और किराये पर देकर अमानतुल्लाह खान ने काफी पैसा कमाया। इन करोड़ो रुपयों को हवाला के जरिए दुबई भी भेजा गया। साथ ही इनका इस्तेमाल आप विधायक ने अपने करीबियों के जरिए रियल एस्टेट में भी किया।
साल 2022 में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई को इसी मामले में विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। बाद में मनी लॉन्ड्रिंग और पैसे के हेरफेर की कहानी सामने आने के बाद ईडी भी इस मामले की जांच में जुटी।
सीबीआइ की इस मामले में जांच के अनुसार अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी महबूब आलम के साथ मिलकर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और जानबूझकर नियमों की अनदेखी की। नियुक्ति की प्रक्रिया अगर पारदर्शी और निष्पक्ष होती तो योग्य लोगों को रोजगार मिल सकता था।
जब अमानतुल्लाह खान के घर पहुंची ईडी
आप विधायक ने ईडी की टीम के पहुंचने पर आरोप लगाते हुए कहा था, ‘इनका मकसद हमारे कामों को रोकना है, मुझे पिछले दो सालों से ये लोग परेशान कर रहे हैं और हम पर झूठे केस भी लगा रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में हैं, सत्येंद्र जैन भी जेल में हैं और अब इनका उद्देश्य हमारी पार्टी को तोड़ना है, इसलिए ये मुझे गिरफ्तार करने आए हैं।’
अमानतुल्लाह ने एक्स पर एक वीडियो शेयर कर कहा था कि ‘सुबह-सुबह तानाशाह के इशारे पर उनकी कठपुतली ईडी मेरे घर पर पहुंच चुकी है। मुझे और आप नेताओं को परेशान करने में तानाशाह कोई कसर नहीं छोड़ रहा। ईमानदारी से अवाम की खिदमत करना गुनाह है? आखिर ये तानाशाही कब तक।’
अभी सुबह-सुबह तानाशाह के इशारे पर उनकी कटपुतली ED मेरे घर पर पहुँच चुकी है, मुझे और AAP नेताओं को परेशान करने में तानाशाह कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
ईमानदारी से अवाम की ख़िदमत करना गुनाह है?
आख़िर ये तानाशाही कब तक?#EDRaid #Okhla pic.twitter.com/iR2YN7Z9NL
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) September 2, 2024
अमानतुल्लाह ने बयान में कहा, ‘सुबह के 7 बजे का समय है और ईडी की टीम सर्च वारंट के नाम पर मुझे गिरफ्तार करने के लिए आए हैं। मेरी सास भी घर पर हैं, जिनको कैंसर है और चार दिन पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ है। इस बात की जानकारी मैंने खुद ईडी को दी थी। मैंने इनको हर नोटिस का जवाब दिया है। हालांकि, सर्च वारंट के नाम पर इनका मकसद मुझे गिरफ्तार करना है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘किसी के भी परेशान होने या घबराने की जरूरत नहीं है, मैं और मेरी पार्टी जनता के सारे कामों को कराएंगे। हम लोग टूटने वाले नहीं हैं। न झुके हैं और न डरने वाले हैं। हम जेल जाने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि कोर्ट से हमें इंसाफ मिलकर रहेगा।’
अमानतुल्लाह खान को 2022 में भी एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने वक्फ घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। तब एसीबी ने अमानतुल्लाह के एक ठिकाने से 24 लाख रुपये और दो गैरलाइसेंसी हथियार भी बरामद किए थे।