नई दिल्लीः नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के तहत पहला अधिसूचना जारी करने के बाद बुधवार को 14 व्यक्तियों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे गए। सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद यह पहला मौका है जब सरकार ने  प्रमाणपत्रों का पहला सेट जारी किया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि अकेले दिल्ली में सीएए के तहत 300 व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान की गई है। अमित शाह ने कहा कि सीएए देश का कानून है। और सरकार इसके कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।

दिसंबर 2019 में सीएए कानून पारित किया गया था। लेकिन कई राजनीतिक पार्टियों के विरोध और कानूनी अड़चनों के कारण इसे लागू होने में चार साल का वक्त लग गया। 11 मार्च 2023 को सरकार ने पहली अधिसूचान जारी की थी। नियमों के तहत 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सताए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिता दी जाएगी। पात्र समूहों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं।

केंद्रीय गृह सचिव ने नागरिकता प्रमाणपत्र प्रदान किया

केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान चयनित आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस कार्यक्रम में सचिव डाक, निदेशक (आईबी), और भारत के रजिस्ट्रार जनरल सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे। गृह सचिव ने नागरिकता प्रमाणपत्र पाने वालों को बधाई दी और सीएए में उल्लिखित प्रमुख प्रावधानों के बारे में जानकारी प्रदान की।

नियमों के मुताबिक आवेदनकर्ता द्वारा आवेदन किए जाने के बाद जिलास्तरीय समिति (डीएलसी) आवेदन को आगे बढ़ाता है। राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) ने आवेदनों की जांच करता है। इसके बाद नागरिकता लोगों को नागरिकता दी जाती है। शरणार्थी भारतीय नागरिकता ऑनलाइन पार्टल-  https://indiancitizenshiponline.nic.in/ पर आवेदन कर सकते हैं।

प्राधिकृत अधिकारियों के रूप में वरिष्ठ डाक अधीक्षकों/डाक अधीक्षकों की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों (डीएलसी) ने दस्तावेजों के सफल सत्यापन के बाद आवेदकों को निष्ठा की शपथ दिलाई है। नियमानुसार आवेदनों की प्रोसेसिंग के बाद, डीएलसी ने आवेदनों को निदेशक (जनगणना संचालन) की अध्यक्षता वाली राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) को भेज दिया।

आवेदनों की प्रोसेसिंग पूर्णत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है। निदेशक (जनगणना संचालन), दिल्ली की अध्यक्षता में दिल्ली की अधिकार प्राप्त समिति ने उचित जांच के बाद 14 आवेदकों को नागरिकता देने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में, निदेशक (जनगणना संचालन) ने इन आवेदकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।

सीएए का हुआ था विरोध

लोकसभा और राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के पास होने के बाद राष्ट्रपति द्वारा इसको मंजूरी मिली। इसके तहत भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव किए गए। CAA के तहत नागरिकता लेने के लिए भारत में 11 साल रहने की अवधि को घटाकर 6 साल कर दिया गया। पूर्वोत्तर के राज्यों में इसका खासे विरोध हुआ। असम के लोगों ने कहा कि बांग्लादेश से आए हिंदुओं को नागरिकता दिए जाने से यहां के मूल निवासियों के अधिकार खत्म हो जाएंगे। भारत के कई राज्यों में इसका विरोध हुआ। साल 2020 में राजधानी दिल्ली में सीएए को लेकर हिंसा और दंगे भी हुए जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए।

आईएएनएस इनपुट के साथ