बेंगलुरु: कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) द्वारा राज्य में बसों के भाड़े को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। केएसआरटीसी ने कहा है कि पिछले कई महीनों से उन्हें भारी वित्तीय घाटा हो रहा है जिस कारण बसों के किराए को 15 से 20 फीसदी तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
निगन के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले तीन महीनों में केएसआरटीसी को 295 करोड़ का नुकसान हुआ है। निगम के अनुसार, यह नुकसान शक्ति योजना के कारण हुआ है जिसके तहत राज्य के महिलाओं को फ्री बस सेवा प्रदान की जाती है।
निगम का कहना है कि केएसआरटीसी पहले से ही नुकसान में चल रहा है और ऐसे में भाड़ा अगर नहीं बढ़ाया गया तो बसों को चलाना मुश्किल हो जाएगा। परिवहन निगम के बोर्ड बैठक के बाद किराया के बढ़ाए जाने पर फैसला लिया गया है जिसे सीएम की मंजूरी का इंतजार है।
राज्य परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने निगम के नुकसान वाले आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने कहा है कि शक्ति योजना के कारण नुकसान नहीं हो रहा है बल्कि इससे परिवहन के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है।
केएसआरटीसी का क्या कहना है
केएसआरटीसी के अध्यक्ष एसआर श्रीनिवास ने कहा है कि विभाग को चालू रखने के लिए बसों का किराया बढ़ाना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 12 जुलाई को बोर्ड की एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें बसों के किराए को बढ़ाने को लेकर सभी ने अपनी सहमति जताई थी।
इसके बाद भाड़ा बढ़ाने के प्रस्ताव को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भेजा गया है। श्रीनिवास ने कहा है कि राज्य में बस सेवा काफी जरूरी है और उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भाड़ा नहीं बढ़ाया गया तो केएसआरटीसी को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।
श्रीनिवास ने आगे कहा है कि योजना की वजह से राज्य के आर्थिक खजाने पर करोड़ों का बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री को भी इस दिशा में ध्यान देना होगा।
एनडब्ल्यूकेआरटीसी ने भी उठाए हैं ऐसे ही सवाल
केवल केएसआरटीसी ही नहीं बल्कि उत्तर पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) के अध्यक्ष राजू केज ने भी इस तरह के घाटे की बात कही है। राजू ने भी घाटे को लेकर शक्ति योजना को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि यह सब कुछ शक्ति योजना की वजह से हो रहा है।
एनडब्ल्यूकेआरटीसी के अध्यक्ष के अनुसार, अगर शक्ति योजना को बंद कर दिया जाए, तो निसंदेह ऐसी स्थितियों का हमें सामना नहीं करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में एक या दो नहीं, बल्कि पिछले 10 सालों में बस किराए में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
राजू ने आगे कहा है कि इसकी वजह से परिवहन विभाग घाटे में हैं और कर्मचारियों को बेशुमार आर्थिक दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
एनडब्ल्यूकेआरटीसी ने कहा है कि अगर कहीं एक दिन भी बस न आए, या बस चालक छुट्टी पर चले जाए, तो आम मुसाफिरों को बेशुमार दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है, लिहाजा हमारी मांग है कि राज्य सरकार इस दिशा में ध्यान दें और हमारी समस्याओं का निराकरण करे।
राजू ने आगे कहा है कि पिछले कुछ सालों में किराया नहीं बढ़ाए जाने और अब कुछ महीने से हो रहे घाटे के बावजूद वे बसों के सर्विस को प्रभावित नहीं होने दे रहे हैं।
योजना के कारण हुआ है फायदा-परिवहन मंत्री
शक्ति योजना की वजह से राज्य के आर्थिक खजाने को गहरा आघात पहुंचाने वाले कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के आरोप पर परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
रेड्डी ने दावा किया है कि शक्ति योजना के लागू होने के बाद परिवहन विभाग के रेवेन्यू में एक हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम का कहना है कि इस योजना के लागू होने की वजह से 295 करोड़ का नुकसान हुआ है।
राज्य के चार निगम में से किसी से भी नहीं मिला है ऐसा प्रस्ताव-परिवहन मंत्री
रेड्डी ने कहा कि उनके यहां चार निगम हैं और उन्हें इन चारों में से किसी एक से भी इस तरह का प्रस्ताव नहीं मिला है। आंकड़े की जुबानी ट्रैफिक कर में वृद्धि की कहानी भी बताई।
परिवहन मंत्री ने कहा कि शक्ति योजना लागू होने से पहले जून 2022 से मई 2023 के बीच ट्रैफिक कर तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा था वहीं योजना लागू होने के बाद जून 2023 से मई 2024 के बीच चार हजार पांच सौ 94 करोड़ रहा यानि इससे एक हजार करोड़ तक का रेवेन्यू बढ़ा है।
पत्रकारों के सवाल की निगम नुकसान की बात कह रहा है, इस पर रेड्डी ने कहा कि तथ्य सामने है और मैं उनके आरोपों पर इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहूंगा।
2020 से बस चालकों का नहीं बढ़ा है वेतन
कर्नाटक सड़क परिवहन निगम का दावा है कि 2020 से बस ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं हुई है। इसकी वजह से हमें आर्थिक दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ, जहां दूसरे विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष वृद्धि होती है, वहीं हमारा वेतन अभी-भी जस का तस बना हुआ है।
क्या है कर्नाटक सरकार का शक्ति योजना
कर्नाटक सरकार की शक्ति योजना एक ऐसी योजना है जिसे सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव को जीतने के बाद शुरू किया था। यह कांग्रेस सरकार के पांच गारंटियों में से एक है जिसे चुनाव के दौरान पार्टी ने राज्य के वोटरों से वादा किया था।
कर्नाटक में शक्ति योजना के अंतर्गत महिलाओं को मुफ्त बस सेवा उपलब्ध कराई जाती है। बता दें कि 11 जून 2024 को इस योजना को लागू हुए एक साल हो जाएंगे।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ