नई दिल्लीः म्यांमार और थाईलैंड में भारतीय दूतावासों ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर साइबर अपराध और ठगी गिरोह के चंगुल में फंसे 283 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लौटाने में सफलता प्राप्त की है। इन नागरिकों को थाईलैंड के मे सॉट से भारतीय वायु सेना (IAF) के विशेष विमान से भारत लाया गया।

विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, इन भारतीयों को फर्जी नौकरी के झांसे में फंसाकर म्यांमार-थाईलैंड सीमा के ठगी केंद्रों में जबरन साइबर अपराध और धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल किया गया था।

फर्जी नौकरी का झांसा देकर साइबर ठगी में धकेला गया

मंत्रालय ने कहा, "भारत सरकार दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, विशेष रूप से म्यांमार में फर्जी नौकरी के झांसे में फंसाए गए भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन लोगों को साइबर अपराध और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में जबरन शामिल किया गया था, जो म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित ठगी केंद्रों में संचालित किए जा रहे थे।"

भारत सरकार की बार-बार चेतावनी

सरकार पहले भी इन फर्जी नौकरी गिरोहों को लेकर कई परामर्श और सोशल मीडिया अलर्ट जारी कर चुकी है। विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर भारतीय नागरिकों को विदेश में नौकरी स्वीकार करने से पहले सतर्क रहने और उचित सत्यापन करने की सलाह दी है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे विदेश स्थित भारतीय मिशनों के माध्यम से नियोक्ताओं की विश्वसनीयता की जांच करें और किसी भी नौकरी को स्वीकार करने से पहले भर्ती एजेंटों और कंपनियों की पृष्ठभूमि को अच्छी तरह परख लें।" 

पहले भी चलाए गए थे बचाव अभियान

यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने इस तरह का बचाव अभियान चलाया हो। दिसंबर 2024 में, भारतीय दूतावास ने म्यांमार के म्यावाडी इलाके में ठगी केंद्रों में फंसे छह भारतीयों को मुक्त कराया था। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई 2024 से अब तक म्यांमार से कुल 101 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराई जा चुकी है।